बुद्धि जीवी : द फ्रस्ट्रेटेड इंडियंस बहुत कष्ट होता है इन्हें किसी की भी सफलता से चाहे कोई अपना बंधु पुरस्कार पा जाये, उसकी भी ऐसे ही टांग खीचते हैं। किसी को कोई सम्मान मिल जाये, इनकी नजर मे वो कभी इस काबिल नहीं रहा। सारे सम्मान पुरस्कार इनसे ही पूछ कर दिये जाने चाहिए, ऐसा इन लोगों ( वर्ग) का मानना है। हर फटे मे टांग रखते हैं। हर मुद्दे पर राय रखते हैं। गरीब जनता को शिक्षा, ज्ञान देना अपना परम धर्म समझते हैं। ब्राह्मणवाद की आलोचना करते हैं लेकिन खुद वही सब करते हैं की सबसे ऊपर तो यही बैठे हैं, बाकी दलित हैं जिनकी शुद्धि इनका फर्ज है।
Posted on: Sun, 17 Nov 2013 10:48:45 +0000
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