16 दिसम्बर 2012 को देश की राजधानी दिल्ली में जो हुआ वाकई वो रोंगटे खड़े कर देने वाला था,छह लडको ने चलती बस में लड़की के साथ जो वहशियाना हरकत की उसकी जितनी मजम्मत की जाये कम है,हादसे के 14 दिन बाद लड़की ने ज़ालिम दुनिया से विदाई ले ली,लेकिन जाते-जाते बलात्कारी की सज़ा और नाबालिग की उम्र पर बहस छेड़ गयी,,,छह दरिंदो में से एक दरिन्दे राम सिंह ने 31 मार्च को तिहाड़ जेल में फाँसी खाकर जान दे दी,तो दूसरा जो सबसे वहशी दरिंदा है,जिसने लड़की के जिस्म में राड डालकर जिस्म खोखला किया था, अदालत ने उसे नाबालिग मानते हुए तीन साल की सजा सुनाकर सस्ते में ही छोड़ दिया,,,जो सब कुछ कर सकता है तो फिर वो नाबालिग कैसा,,,? मज़हब-ए-इस्लाम कहता है 14 साल का लड़का बालिग हो जाता है,बालिग की उम्र घटाने पर बहस भी चल रही है,मेरी अपनी राय है की बालिग की उम्र 18 से घटाकर 14 साल कर देनी चाहिए,,और बलात्कारी को शरई कानून के हिसाब से फाँसी की सजा देनी चाहिए,ताकि ये घिनौनी हरकत करने से पहले बलात्कारी 100 बार सोचे,,सिर्फ शरई कानून बनाकर ही बलात्कार पर रोक लगाईं जा सकती है,,जिन मुस्लिम मुल्कों में शरई कानून लागू है वहां बलात्कार की घटनाएं ना के बराबर होती हैं,,मतलब कड़े कानून बनाकर ही महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी दी जा सकती है, """अतीक अत्तारी"""
Posted on: Wed, 11 Sep 2013 16:52:50 +0000