FB 363 -Another extract from the book .. चाहे - TopicsExpress



          

FB 363 -Another extract from the book .. चाहे किसी के पास कितना भी ज्ञान हो , धन हो , ताकत हो , पर यदि दूसरों के काम नहीं आया तो सब बेकार है I कितना सुंदर कहा है एक शायर ने : सूँघ कर कोई मसल डाले तो ये है गुल की जीस्त I मौत उसके वास्ते टहनी पे मुरझाने में है II ( gul - phool, flower ; jeest - jeevan )
Posted on: Sun, 13 Oct 2013 19:42:35 +0000

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