Indian Army दोस्तो सच तो ये है की - TopicsExpress



          

Indian Army दोस्तो सच तो ये है की गाँधी ना होते तो आझादी हमे कब की मिल गइ होती…… आझादी का तो पुरा ठेका ही गाँधी को दे दिया है… बचपन से ही शाला में रट्टा मरवाया जाता है "बोलो बच्चे गाँधीजी हमारे राष्ट्रपिता है…" और बच्चे भी बोलते है "बोलो बच्चे गाँधीजी हमारे राष्ट्रपिता है…" किसने बना दिया पुरे देश का बाप?? देश में किसी से पुछा क्या?? अरे यार… पिता कौन होता है?? जो हमें बनाये वो ना?? 536 टुकडो(रजवाडे) को जोडकर एक भारत देश बनाया किसने?? सरदार वल्लभभाइ पटेल ने… तो राष्ट्रपिता तो वो होने चाहिये ना?? पर दुर्भाग्य हमारे के एक जुठे और मक्कार को पुरे देश का बाप बना दिया वो भी किसी के पुछे बिना इन काँग्रेसीयो और कोम्युनिस्टो की लिखी किताबो में हँमेशा से ये रँगीला एक साधु बनकर जीता रहा और देश के लिए 20-25 साल की उम्र में ही फाँसी के फँदे पर चढकर अपनी पुरी उम्र इस देश के नाम करनेवाले हजारो भगतसिँह और चँद्रशेखर आझाद एक राह से भटके युवान और आतँकी बनकर रेह गये और हम भी बचपन से ये ही पढते रहे… हुतात्मा भगतसिंह को फांसी दिए जाने पर अहिंसा के महान पुजारी गांधी ने कहा था, ‘‘हमें ब्रिटेन के विनाश के बदले अपनी आजादी नहीं चाहिए ।’’ और आगे कहा, ‘‘भगतसिंह की पूजा से देश को बहुत हानि हुई और हो रही है। भगतसिँह को फाँसी का परिणाम गुंडागर्दी का पतन है । फांसी शीघ्र दे दी जाए ताकि 30 मार्च से करांची में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन में कोई बाधा न आवे ।” इस पाखँडी की नजरो में देश के लिए किसी से लडना हिँसा थी पर भगतसिँह को फाँसी अहिँसा थी। माफ करना ऐसे बापु से तो हम अनाथ ही अच्छे है… कल एक और महान इंसान का जन्मदिन है :- पंडित लाल बहादुर शास्ञी जी का और मैं हमेशा उन्ही का जन्मदिन मनाता हुँ
Posted on: Wed, 02 Oct 2013 01:12:40 +0000

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