Pawan khera wrote a letter to me a few days back. My response to - TopicsExpress



          

Pawan khera wrote a letter to me a few days back. My response to the same is as follows. I would like to share it with all of u. दिनांकः 25-06-2013 श्रीमति शीला दीक्षित जी, आपके राजनीतिक सचिव, श्री पवन खेड़ा के द्वारा लिखा पत्र मुझे प्राप्त हुआ। इसमें आपने कुछ मुद्दे उठाए हैं, जिनके जवाब मैं इस पत्र के माध्यम से दे रहा हूं। लेकिन मैं असमंजस में हूं कि आपने यह चिट्ठी मुझे सीधे ही क्यों नहीं लिख दी, अपने स्टाफ के नाम से क्यों लिखी? अभी कुछ महीनों पहले भी आपने ऐसा ही किया था। एक जनसभा में मैंने कहा था कि आप बिजली कंपनियों की दलाली कर रहीं हैं। आप को शायद वो बुरा लगा। तब भी आपने सीधे मेरे खिलाफ मानहानि का केस करने की बजाय श्री पवन खेड़ा जी के नाम से मेरे खिलाफ केस कराया था। अंग्रेजी में एक कहावत है- "A leader should lead from the front". किसी के पीछे छुपकर काम करना या किसी और के कंधे पर बन्दूक रखकर चलाना एक नेता की कमज़ोरी दर्शाता है। आपने अपने पत्र में लिखा है कि अभी तक दिल्ली की राजनीति बहुत स्वच्छ थी और मैंने इसको गंदा कर दिया। ऐसा आपको इसलिए लग रहा है क्योंकि अब तक दिल्ली में आपका विरोध करने वाला कोई नहीं था। दिल्ली में कोई विपक्षी पार्टी थी ही नहीं। भाजपा और कांग्रेस के बीच में मैच फिक्सिंग थी। दिल्ली की राजनीति को भाजपा और कांग्रेस ने साझा बिजनेस बना लिया था। भाजपा और कांग्रेस दोनों बिजली और पानी कंपनियों से मिले हुए हैं। आप बिजली और पानी के दाम बढ़ाती रहीं और भाजपा कभी कभार एक घंटे या एक दिन का सड़क पर प्रर्दशन करने का नाटक करती रही। जनता लुट रही थी, पिस रही थी, कराह रही थी। पर आप दोनों पार्टियों के लिए सब कुछ अच्छा चल रहा था। दोनों पार्टियां खुश थीं। अब अचानक आम आदमी पार्टी ने आकर आप दोनों पार्टियों का रायता फैला दिया। इधर आप दुःखी हैं, आप कह रही हैं कि हमने दिल्ली की राजनीति गंदी कर दी। उधर भाजपा दुःखी है। वो भी कह रही है कि हमने दिल्ली की राजनीति गंदी कर दी। पर दिल्ली का आम आदमी बहुत खुश हो गया है। दिल्ली के आम आदमी को पहली बार एक ईमानदार विकल्प मिला है। अगर आप वाकई ‘स्वच्छ राजनीति’ करना चाहती हैं तो आप को तुरंत निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए- 1. आज दिल्ली विधनसभा में कांग्रेस के 16 ऐसे विधायक है जिनके उफपर संगीन अपराधें के मुकदमें चल रहे हैं। ऐसे लोग विधनसभा में बैठकर बलात्कार, हत्या और भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून कैसे बना सकते हैं? विधनसभा एक मंदिर है। ऐसे लोगों की तो मौजूदगी से ही यह मंदिर अपवित्र हो जाता है। आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि आनेवाले विधानसभा चुनावों में एक भी आपराधिक छवि के व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाएगा। अगर आप वाकई दिल्ली की राजनीति को स्वच्छ बनाना चाहती हैं, तो आप को ऐलान करना चाहिए कि कांग्रेस भी आने वाले चुनावों में किसी भी आपराधिक छवि वाले व्यक्ति को टिकट नहीं देगी। 2. राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाला चंदा पारदर्शी होना चाहिए। आम आदमी पार्टी अपने सारे दान दाताओं की सूची वेबसाइट पर डालती है। खबरों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को पिछले पांच वर्षों में दो हज़ार करोड़ रुपयों से भी ज्यादा का चंदा मिला। लेकिन कांग्रेस पार्टी दानदाताओं की सूची नहीं बता रही। ऐसा माना जा रहा है कि कोयला घोटाले में शामिल कई कंपनियों ने भी कांग्रेस को चंदा दिया है। पर यह तो तब पता चलेगा जब आप यह लिस्ट सार्वजनिक करेगी। अगर आप यह लिस्ट वेबसाइट पर डाल दें तो लोगों के मन में विश्वास पैदा होगा कि आप वाकई ‘स्वच्छ राजनीति’ करना चाहती हैं। 3. आज हमारे देश की राजनीति को वंशवाद ने ग्रसित किया हुआ है। एक ही परिवार के कई-कई लोगों को टिकट मिल जाता है। आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि वो एक परिवार से दो लोगों को टिकट नहीं देगी। मेरा आप से निवेदन है कि यदि आप वाकई ‘स्वच्छ राजनीति’ चाहती हैं, तो आपको ऐलान करना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी भी एक ही परिवार से एक से ज्यादा लोगों को टिकट नहीं देगी। मुझे मालूम है कि यदि आप ऐसा ऐलान करती हैं तो आपको बहुत बड़ी कुर्बानी देनी होगी- या तो आपको या आपके सुपुत्र श्री संदीप दीक्षित जी को, दोनों में से एक व्यक्ति को राजनीति से सन्यास लेना होगा। यदि आप ऊपर लिखे तीनों कदम उठाती हैं तो लोगों को विश्वास होगा कि आप वाकई ‘स्वच्छ राजनीति’ करना चाहती हैं। आपने अपने पत्र में लिखा है कि हमने अपने ऑटो कैम्पेन में आपको अपशब्द कहें हैं। मैं यह नहीं मानता। आप खुद ही बताइए कि मैंने ऐसा कौन सा शब्द कहा जो आपको ठीक नहीं लगा? मैं यह बात जरूर मानता हूं कि मैंने कई जगह यह कहा है कि आप बिजली कंपनियों की दलाली कर रही हैं। पर क्या मैंने गलत कहा? क्योंकि आपने दिल्ली में बिजली के दाम अनाप-शनाप बढ़ा दिए हैं। इससे टाटा और अम्बानी की बिजली कंपनियों को भारी मुनाफा हो रहा है। लेकिन उनको पैसे की हवस इतनी ज्यादा है कि इतना भारी मुनाफा होने के बावजूद उन्होंने अपने खातों में गड़बड़ी करके 20,000 करोड़ रुपये का घाटा दिखा दिया। प्रश्न उठता है कि अगर वाकई इतना भारी घाटा हुआ है तो टाटा और अम्बानी ने ये बिजनेस बंद क्यूं नहीं कर दिया? यह बात तो आप मानेगी कि टाटा और अम्बानी दिल्ली में समाज सेवा करने नहीं आए, पैसा कमाने आए हैं। क्या आज तक अम्बानी बंधुओं ने अपनी जिंदगी में एक भी घाटे का सौदा किया है? दिल्ली एयरपोर्ट मैट्रो लाईन में जैसे ही घाटा होना शुरू हुआ, अम्बानी वो बिजनेस छोड़कर भाग गए। तो फिर 20,000 करोड़ का घाटा होने के बावजूद वो यहां क्यों टिके हुए हैं? कुछ ना कुछ गड़बड़ तो है। दिल्ली की सारी जनता कह रही है कि इन कंपनियों का ऑडिट कराओं। लेकिन बिना ऑडिट कराए आप बार-बार बिजली के दाम बढ़ाती जा रही हैं। आप का कहना है कि आप तो ऑडिट कराने को तैयार है, लेकिन ये बिजली कंपनिया नहीं मान रही। आप का यह तर्क गले नहीं उतरता। मुख्यमंत्री आप हैं या बिजली कंपनियां? आखिर हमारी मुख्यमंत्री बिजली कंपनियों के सामने बेबस और लाचार क्यों है? अगर बिजली कंपनियां ऑडिट कराने को तैयार नहीं तो आप उनका लाइसेंस क्यों नहीं रद्द कर देती? यहां आकर जनता के मन में प्रश्न उठता है कि क्या शीला दीक्षित जी बिजली कंपनियों की दलाली कर रही हैं? जैसे ही बिजली कंपनियों ने कहा कि उन्हें 20,000 करोड़ का घाटा हो गया तो आप तुरंत दौड़ी-दौड़ी केंद्र सरकार के पास जाती हैं और अनिल अम्बानी को बचाने के लिए केंद्र से वित्तीय पैकेज़ मांगती हैं। लेकिन जब दिल्ली की जनता बढ़े हुए बिजली के बिलों की वजह से कराह उठती है तो आप कहती हैं कि कूलर इस्तेमाल करना बंद कर दो, टी.वी. इस्तेमाल करना बंद कर दो, फ्रिज इस्तेमाल करना बंद कर दो। आपके इन्हीं कथनों और कर्मो की वजह से लोगों को विश्वास हो गया है कि आपकी बिजली कंपनियों से सांठ-गांठ है। आधी से ज्यादा दिल्ली के लोगों के घरों में पानी नहीं आ रहा। पिछले 15 साल से आप मुख्यमंत्री हैं। 15 वर्षों में आप लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा पाई। इसके बावजूद आपकी सरकार दिल्ली में करोड़ो रुपये खर्च करके इश्तहार लगा रही है। और दिल्ली में विकास होने का दावा कर रही है। कैसा विकास? किसका विकास? इन ईश्तहारों पर खर्च किए गए करोड़ो रुपये यदि पानी पर खर्च किए गए होते तो शायद कुछ घरों के लोगों तक पानी पहुंच जाता। आप खुद नई दिल्ली विधानसभा की विधयिका हैं, जहां प्रधानमंत्राी, राष्ट्रपति, सभी मंत्री इत्यादि रहते हैं। सबसे बड़ी बिडम्बना यह है कि आपकी अपनी विधानसभा में लोगों के घरों में पानी नहीं आ रहा। आपकी विधानसभा में एक DIZ एरिया है। यह राष्ट्रपति भवन से मात्र 3 कि.मी. की दूरी पर है। यहां भी लोगों के घरों में पीने का पानी नहीं आता। यहां के लोग पार्क से पीने का पानी लेकर आते हैं। रोज़ सुबह पार्कों में लोगों की पानी भरने के लिए लाईन लगती है और लोग बाल्टियां भर-भर के चौथी मंजि़ल तक लेकर जाते हैं। आधी से ज्यादा दिल्ली की यही कहानी है। जैसे पुराने जमाने में महिलाएं कुएं से ढोकर पानी लाया करती थी। क्या आपके 15 वर्षों के कार्यकाल में यही विकास हुआ है? आपने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि आपकी सरकार के भ्रष्टाचार की बातें उठाकर हमने महिलाओं का अपमान किया है क्योंकि आप एक महिला हैं। पर ये तर्क तो ठीक नहीं है। अगर कोई महिला नेता गलत काम करे तो क्या उसकी निंदा नहीं होनी चाहिए? आप महिला है लेकिन यह बड़े दुःख की बात है कि आप महिलाओं के दर्द को नहीं समझती। आज दिल्ली में सबसे ज्यादा बलात्कार हो रहे हैं। दिल्ली की हर महिला अपने आपको असुरक्षित महसूस करती है। सुबह घर से जब कॉलेज के लिए लड़की जाती है, तो मां-बाप का दिल धक-धक करता है, जब तक शाम को वह घर नहीं लौट आती। दिल्ली की महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए आपकी सरकार ने कुछ नहीं किया। जब भी दिल्ली में कोई बलात्कार होता है तो आप कहती हैं कि दिल्ली पुलिस आप के कंट्रोल में नहीं है। जनता ने तो आप को वोट दिया था। दिल्ली की जनता को ऐसी मुख्यमंत्राी नहीं चाहिए जो इतनी बेबस और लाचार हो। जनता को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए जो उनकी सुरक्षा कर सके। इससे भी ज्यादा दुःखद बात ये है कि बलात्कार के खिलाफ न्याय मांगने वाले लोगों को पुलिस से बर्बरता पूर्वक पिटवाया जाता है और उन पर झूठे मुकदमें दर्ज कर दिए जाते हैं। आप दिल्ली में हो रहे बलात्कारों से पल्ला कैसे झाड़ सकतीं हैं? केंद्र और दिल्ली दोनों जगह कांग्रेस की सरकार है, तो दिल्ली में हो रहे बलात्कार और बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर डंडे बरसाने के लिए सीधे कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है, चाहे वो केंद्र में बैठी कांग्रेस हो या फिर दिल्ली में बैठी कांग्रेस हो। पिछले 15 साल में दिल्ली का विकास नहीं विनाश हुआ है। विकास के नाम पर केवल भ्रष्टाचार हुआ है। भ्रष्टाचार की वजह से लोगों पर अनाप-शनाप टैक्स लगा दिए गए, जिसकी वजह से सब चीज़ें महंगी हो गई। मैं आपको दिल्ली की जनता के सामने खुली बहस के लिए आमन्त्रित करता हूं। यह बहस रामलीला मैदान या अन्य किसी भी बड़े मैदान में हो जाए। तारीख और समय आपकी सुविधा के अनुसार हो सकता है। मुझे मालूम है कि आप खुली बहस की चुनौती को स्वीकार नहीं करेंगी। लेकिन फिर भी मुझे इंतज़ार रहेगा। यदि आप बहस के लिए तैयार होती है, तो देश में ‘स्वच्छ राजनीति’ की यह एक ठोस शुरूआत होगी। भविष्य में यदि आपको कुछ कहना हो तो आप मुझे सीधे पत्र लिखने में संकोच मत कीजियेगा। भवदीय, अरविन्द केजरीवाल
Posted on: Wed, 26 Jun 2013 07:40:40 +0000

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