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UR.. JOIN MY SWAPING GAME ?????????? मज़ेदार अदला-बदली रोमा: और कितनी देर लगेगी रवि, देखो मैं तुमसे पहले तैयार हो गई हूँ. रवि: बस दो मिनट और, अभी आया. दोनों की शादी को दो साल हो चुके थे. बहुत खुले विचारो वाले थे दोनों और वैसा ही उनका ग्रुप था. उस ग्रुप में दस कपल हो चुके थे अब तक. सभी के सभी बेहद अमीर और हाई-प्रोफाइल . आज उसी ग्रुप की आउटिंग , इंदौर से पच्चीस किलोमीटर दूर खंडवा रोड पर, ग्रुप के ही एक मेम्बर रोनी के चार एकड़ के फ़ार्म-हाउस पर रखी गई थी और रोमा को वहां पहुँचाने की रवि से भी ज्यादा जल्दी थी. रोमा सोफे की पुश्त पर टिक कर आने वाले अगले दो दिनों के बारे में सोचने लगी. जबसे उसने उन दो दिनों में क्या क्या होने वाला है इसके बारे में सुना है, उसकी योनी में लगातार बाड़ बनी हुई है, अभी अभी उसने नई पेंटी पहनी थी और अब फिर वो पूरी गीली हो चुकी है. उसके शरीर में झुरझुरी सी दौड़ रही थी. अचानक रवि की आवाज़ से उसका ध्यान भंग हुआ. अगले एक घंटे में सभी सदस्य उस बड़े से हाल मैं इकट्ठे हो गए. सभी कपल करीने से सजी कुर्सियों पर बैठ गए. मनोज और उसकी पत्नी alka इस बार की party के sanyojak थे. दोनों uth khade huwe. मनोज: aap सभी का स्वागत है. aap सभी के chehre बता रहे हैं क़ि आप सब कितने उत्सुक है आने वाले समय को लुत्फ़ उठाने के लिए. और आपके उन पलों में हजार हजार चाँद लगाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. हम सभी आपस में पहले भी बहुत बार एकसाथ चुदाई कर चुके हैं परन्तु इस बार ये बहुत ही अलग सेशन होने वाला है जिसके बारे में आप सभी जानते ही हैं. ज्यादा वक़्त बर्बाद न करते हुवे हम अपने पहले दौर में प्रवेश करते हैं. और पहला दौर है क़ि "अपनी पत्नी के गालों को पहचानो". मनोज ने सभी नौ जेंट्स क़ि आँखों पर काली पट्टियाँ बाँध दी और कुर्सियों पर लाइन से बैठा दिया. अब सभी लेड़ीस बारी बारी से अपने गाल एक एक मर्द के होंटो से सटाएगी और मर्द उस पर जोरदार चुम्मा देगा और फिर कोनसे नंबर वाली लेडी उसकी बीवी है ये एक स्कोर शीट पर अंकित करेगा. अब यहाँ से आगे की कहानी रवि अपनी जबानी सुनाएगा ............. मेरा नुम्बर दूसरा है.....तभी पहले चुम्मे की आवाज़ आती है, फिर कुछ पल बाद मुझे अपने होंटों पर एक बेहद मुलायम गाल की अनुभूति होती है, पता नहीं चल रहा रोमा का है या किसी और का. मैं उसे बड़े ही चाव से चूमने लगता हूँ. अपनी जीभ से थोडा सा चाट ता भी हूँ, मस्त मस्त खुशबू का अहसास हो रहा था. पहले चुम्मे में ही मेरा लंड अकड़ने लगा है. अभी तो ये शुरुवात है और मैंने अपने लंड को दिलासा दिलाया. तभी पहला गाल हटा और दूसरा गाल आकर मेरे होंटों से सट जाता है.... ये एकदम चिकना गाल है में उसे चूसना और चूमना चालू करता हूँ. ये तो रोमा का गाल नहीं हो सकता है इतना चिकना नहीं है. एक एक करके सभी महिलाएं गालों पर चुम्मा लेने आती है.......मैं अपने अंदाज़ से रोमा का नुम्बर अंकित करता हूँ. मनोज को ये बात पता है की सब अपने अपने साथी के शरीर की खुशबू से अच्छी तरेह से वाकिफ है इसलिए शुरुवात में सभी जोड़ो को एक ही खुशबू का बॉडी स्प्रे अप्प्लाई किया. अब सभी की खुशबू सामान होने से अंदाज़ लगाना बड़ा ही मुश्किल हो रहा था. आँखों पर पट्टी बंधी होने की वजह से अनजाने गालों पर चुम्मा देना बहुत ही रोमांच पैदा कर रहा था. तभी मनोज की आवाज़ गूंजती है की अब लेडिस चुम्मा देंगी और अब पट्टियां महिलाओं को बाँध दी जाती है. मेरा नुम्बर आते ही मैं मेरी के होंटों पे अपने गाल ले जाता हूँ.......वो बड़े ही मादक अंदाज़ मैं मेरे गालों को चूसने लगती हैं.....फिर दूसरा चुम्मा फिर तीसरा और अब रोमा का चुम्मा. क्या पता रोमा पहचान पायेगी की नहीं..........गेम में पॉइंट्स स्कोर करना बड़ा जरूरी है. ऐसे ही एक एक करके चुम्मो को बारिश होने लगती है........कुछ चुम्मे एक गाल पे लिए तो कुछ दुसरे गाल पर. इस तरेह पहला राउण्ड समाप्त होता है........सभी शूरूआत से काफी उत्तेजित महसूस कर रहे थे लेकिन गेम के रुल के मुताबिक अपने आपको संयम में बंधे हुवे थे. अब हम सभी एक दुसरे से बातें करने लगे थे....... मैं: यार सलीम, जब चुच्चे पहचानने की बारी आएगी तो बड़ा मज़ा आएगा....एक के बाद एक लगातार चुच्चे मसलने को मिलेंगे........हमारे यहाँ तो हर तरह की चुच्चे हैं........ सलीम: हाँ यार रवि, पर ये तो सोच जब हमारे लंड चुसे जायेंगे एक के बाद एक........सारी की सारी रंडियां चुसुक चुसुक करके हमारे लौड़े चूसेगी......यार मेरा कहीं माल ना निकल जाये......बड़ी किरकिरी हो जाएगी........ मैं: हां, खासतौर पे रोमा जब चुसे तब ख्याल रखना.....मादरचोद रोमा का तू बहुत बड़ा दीवाना है..........तेरा बस चले तो रोमा की छूट मैं लंड डाले पड़ा रहे जिंदगी भर.......चुदक्कड़ साला.... सलीम: हे हे , तू देख रोमा के साथ इस बार क्या क्या करता हूँ गेम के बाद................ और इसी के साथ दुसरे राउण्ड की घोषणा होती है................इस राउण्ड में............................. और इसी के साथ दुसरे राउण्ड की घोषणा होती है................इस राउण्ड में............................ सभी की आँखों पर पट्टियाँ बांध दी जाती है.....ये फ्रेंच किस राउण्ड है.......मैं एकदम अपने आप को काबू से बाहर पता हूँ...........अगले पांच मिनट मैं अलग अलग सुंदरियों के लगातार होंठ चूसने को मिलेंगे....ऐसा पहले कभी अनुभव नहीं किया था.....इस राउण्ड में मनोज और अलका को बहुत ज्यादा मदद करनी पड़ेगी क्योंकि किस करते वक़्त कोई भी अपने पार्टनर को छू नहीं सकता है वरना पत्नी के होंठ कोनसे हैं ये आसानी से पता चल जायेगा...........तो हम सब मर्द लाइन में खड़े हो गए और शायद पहले मनोज एक भाभी को पकड़ के पहले मेम्बर के पास ले गया लिप टू लिप चुम्मे के लिए....दूसरी को अलका मदद कर रही थी.......अचानक मेरे सर पर किसी का हाथ आता है और वो सर को आगे की दिशा मैं धकेलता है.....और अचानक मेरे होंठ एक बेहद नाज़ुक होंठो से जुड़ जाते हैं .....मेरे दोनों हाथ पीछे हैं......मैं उन नर्म और मुलायम लबों को चुसना चालू करता हूँ.....बेहद उत्तेजना महसूस होने लगती है .....अब मेरी जीभ उसके मुंह में प्रवेश करती है तो वो भी अपनी जीभ को बाहर लाती है और फिर दोनों एक दुसरे की जीभ को बुरी तरह से चूसने लगते हैं........तभी सामने से मेरी पार्टनर को हटा दिया जाता है ......और फिर तुरंत ही एक नाज़ुक हाथ मेरे गालों को खींचता है और एक और नए लिप्स पर मेरे लिप्स टिक जाते हैं.......इस बार एक नयी और ताज़ा खुशबू का अहसास होता है.....मैं फिर पूरी तन्मयता से उन होंठो को चूमने लगता हूँ........बड़ा ही मज़ा आ रहा था..........ऐसे ही एक एक करके हर बार नए होंठो का रसपान ......जब लास्ट पार्टनर का नुम्बर आया तब तक मेरा लंड बहुत ही बेकाबू होने लगा था.......जेसे ही चूमा चाटी शुरू हुई मुझे एकदम लगा कि साली को कस के दबोच लूं और निचे पटक के ठोक दूं........और अपने आप ही मेरे दोनों हाथ उसकी तरफ पकड़ने को उध्यत होने लगे........परन्तु छूने से ठीक पहले किसी ने मेरे दोनों हाथो को पकड़ के जोर से बोला .............ऐ मिस्टर, गेम से आउट होना है क्या........अपने लंड को समझाओ कि आराम आराम से गेम खेले...........क्या तुम्हे पता नहीं कि कितने शानदार इनाम रखे गए हैं ............और अचानक मेरे हाथों को ब्रेक लगा और मैंने फिर से अपने हाथ पीछे खिंच लिए................. अलका के याद दिलाते ही मैंने मन को समझाया गेम में बने रहो.......और फिर उन अंतिम होंठो को चूसने में खो गया............जेसे ही चुम्बन ख़तम हुआ मैंने अलका के कान में संभावित नुम्बर बताया जो मेरी पत्नी के होंठ हो सकते थे.....उसने नुम्बर शीट में अंकित किया और मैंने अपनी पट्टी खोल दी.......रोमा इस वक़्त सलीम के होंठो को चूसने में तन्मय थी........मैं उनके नज़दीक आ गया और नज़ारा देखने लगा.........सलीम बड़ा ही उन्मत्त होकर मेरी बीवी के होंठो से रसपान कर रहा था.........शायद उसे रोमा के होंठो का अहसास हो गया था.......उसने करीब करीब अपना पूरा मुंह रोमा के मुंह मैं घुसा दिया था...लग रहा था कि रोमा को सांस लेने में कुछ तकलीफ होने लगी थी.....पर तभी मनोज ने रोमा के दोनों चुच्चों को पकड़ा और धकेल कर अगले सदस्य के होंठो से जोड़ दिए.......अच्छा.....ये मादरचोद मनोज इस तरह से सहायता कर रहा है..........मैंने देखा वो रोमा के ठीक पीछे एकदम चिपक के खड़ा है.....उसका लंड ठीक गांड के ऊपर टिका हुआ है और दोनों हाथ अभी भी रोमा के दोनों कबूतरों पर हौले हौले मचल रहे हैं........मैंने कुछ और चुम्बन रत जोड़ों पर निगाह डाली बड़ा ही शानदार नज़ारा था.............अनजान का चुम्बन ज्यादा उत्तेजना देता है और उसी के वशीभूत हमारे सभी दोस्तों कि हालत दुसरे दौर में ही ख़राब होने लगी..............मेरा लंड बहुत ज्यादा फट पड़ने की स्थिति में आ चूका था............मैंने देखा मेरी अब फ्री हो चुकी थी और अपनी पट्टी खोल रही थी........मैं भाग कर उसकी और पहुंचा और उसे दबोच लिया .......और उसके अंगो का मर्दन करने लगा.....चूँकि बोलने कि इज़ाज़त नहीं थी इसलिए वो मुझे धक्के देकर दूर हटाने लगी परन्तु मैंने उसे उठा लिया और थोड़ी दूर सजे दस शयन शैया वाले सेक्शन की ओर ले जाने लगा और फिर एक बिस्तर पर उसे पटक दिया और मैं भी उसके ऊपर लगभग कूद पड़ा.....अब मैंने अपने दोनों हाथों और पैरों से लगभग पूरा दबा दिया और अपने होंठों से उसके होंठ दबा दिए ....वो गूं गूं करके छटपटाने लगी..........मैं अपने शरीर को उसके शरीर पर बुरी तरह से मसलने लगा............तभी राउण्ड पूरा हो गया और कुछ दोस्तों का ध्यान हमारी तरफ गया...........जेसे ही उन्हें माज़रा समझ में आया कुछ लोग हमारी और आये और हमें अलग किया.........जेसे ही सबको देखा मुझे एकदम होश आया.........साडी महिलाएं मेरी बेसब्री को देख कर हंसने लगी और तरह तरह के कमेंट्स आने लगे.....अलका और मनोज मेरे पास आये कि क्या मैं गेम को छोड़ना चाहता हूँ तो फिर अभी सारी लेडिस मिलकर तुम्हारे लंड का कीमा बना देगी............बोलो क्या करना है...........रोमा मेरे पास आई .....रवि, हमें गेम के आखिर तक रहना है ........जरा अपने पर काबू करो............जेकपोट नहीं जीतना है क्या.................अब तक मैं काफी हद तक नोर्मल हो चूका था...........मैं वाटर कुलेर कि और बड़ा और ठंडा पानी पीकर एक कुर्सी पर बैठ गया.................मैंने देखा कि बाकि सभी मर्दों कि हालत भी मेरे जेसी ही हो रही थी.....परन्तु सभी जेसे तेरे अपने पर काबू किये हुवे थे.........अब में थोड़े तनाव में था कि यही हाल रहे तो आखिर तक टिके रहना बड़ा मुश्किल हो जायेगा........चलो देखते हैं क्या होता है.....ये सोचकर मैं फिर से सभी कि ओर बड़ चला....... मुझे अपनी ओर आता देख रोमा मेरे पास आती है और बड़े प्यार से मेरे दोनों गालों को अपने हाथों से सहलाने लगती है. फिर मुझे अपने गले से लगा लेती है. शायद वो मुझे थोडा प्यार देकर मेरी उत्तेजना को कम करने का प्रयास कर रही थी. तभी मेरे कंधे पर मनोज ने थपथपाया. मनोज: क्या हो गया था रवि. मैं: कुछ नहीं यार, बस एकदम बहक गया था. मनोज: समझ सकता हूँ.......बल्कि मुझे ख़ुशी है कि मेरी गेम प्लान इतनी तेजी से सभी के लौड़ो में आग लगा रही है. मैं: यार इस तरह से कैसे आगे बढेंगे. उत्तेजना तो संभाले नहीं संभल रही है. मनोज: कुछ सोचना पड़ेगा.....बाकि के भी यही हाल है..... मैं: हाँ यार कुछ सोचो.....और जल्दी ही सोचो.....वरना अब तो हालात ऐसे हो रहे हैं कि माल अब निकला के तब निकला. मनोज: अरे औरों का तो छोड़ो......मेरा ख़ुदका लंड बहुत बेकाबू हो रहा है........... मैं: तो चलो सब मिलकर गेम के फॉर्मेट पर पुनर्विचार करते हैं............ मनोज: चलो आओ............ तभी मनोज सबका ध्यान आकर्षित करता है और सबसे पूछता है उनसब के लौड़ो के क्या हाल है........ कोई बोले उसके पहले सलीम की बीवी हिना बीच में बोल पड़ती है....... हिना: मनोज तुमको सिर्फ लौड़ो की ही फिकर है...........चुंतों के बारे में कोई ख्याल है कि नहीं.......... मनोज: माफ़ करना.....देवियों आपसे भी पूछता हूँ कि आपकी चूतें किस हाल में हैं कृपया बताएं.. हिना: मनोज, साले.....भेन के लवडे......हमारी चूचियां किस कदर मसली है तूने.....और अब पूछ रहा है कि हमारी चूतों से पानी रिस रहा है कि नहीं........... हिना की बात सुनकर सब ठहाका मार कर हंसने लगे................ मनोज थोडा खिसिया गया और फिर पूरी बेशर्मी से बोलने लगा......तो आप सब बताओ कि अभी क्या करें....... सब एक दुसरे की तरफ देखने लगे............सबके मन मैं बस एक ही ख्याल था कि एक राउण्ड चुदाई हो जाये........ रवि: मनोज, एक बार चोद लेने दे यार.........फिर इत्मीनान से गेम को आगे बढाएंगे........ और फिर क्या था.........जैसे सभी के मन की बात बोल दी हो रवि ने.............सब चिल्ला उठे कि हाँ एक राउण्ड चुदाई हो जाये.......... और इस चिल्लाहट में सबसे ज्यादा जोश महिलाओं को था.........मनोज ने चूचियां मसल मसल कर उन्हें पागल जो कर दिया था....... और इधर अभी मनोज ने अपना अंतिम निर्णय दिया भी नहीं था कि मैंने देखा सलीम ने रोमा को दबोच लिया है और उसे उठा कर वो बिस्तर की और प्रवत्त होने लगा..... सभी जोर जोर से हंसने लगे.........अलका दौड़ कर सलीम के पास गई और कहा - वाह रे वाह......साले अपनी मर्ज़ी का माल खायेगा......चल छोड़ उसे........कौन किसे चोदेगा...ये फैसला भी हम करेंगे... सलीम रोमा को छोड़ देता है और अपना लंड पकड़ के वहीँ बैठ जाता है और बड़ी ललचाई नज़रों से रोमा को देखने लगता है............रोमा उसके पास ही खड़ी-खड़ी मुस्कुराने लगती है....... अचानक रोमा को मस्ती सूझती है और वो अपनी चूत को बिलकुल सलीम के मुंह के पास ले जाती है और झुक कर झटके से अपनी साड़ी पेटीकोट समेत ऊपर कर देती है..........फिर एक हाथ से अपनी पेंटी को थोडा साइड में कर देती है............ सलीम के हाथ अपने लंड पे रहते हैं..........रोमा की गोरी और गुदाज चूत सामने देख कर वो सन्न हो जाता है.......जैसे ही वो रोमा की चूत पर झपटने कि उपक्रम करता है उसके पूर्व रोमा झट से साड़ी नीचे करके भाग जाती है. सलीम उसके पीछे भागता है......रोमा आगे और सलीम पीछे......रोमा सभी के बीच में घुस घुस कर दौड़ लगाती है और सलीम उसके पीछे......... रोमा हिना के पीछे छिप जाती है और जैसे ही सलीम आता है वो हिना को सलीम की और धक्का दे देती है........हिना कस के सलीम को पकड़ लेती है....... हिना: अरे मेरे चोदू शौहर.......रोमा भी मिलेगी खाने को ....इतना बावला क्यों हो रखा है अपने को.......... ये कहकर अपने होंठ सलीम के होंठो पर टिका देती है और कस के पकड़ लेती है.............सलीम भी हिना में खो जाता है............... सभी लोग हिना के लिए तालियाँ बजाते हैं............... अलका: हिना बस तू ही अपने शौहर को संभल सकती है......वरना तो ये गेम के सरे रुल तोड़ देगा....... अब मनोज और अलका दोनों थोडा अलग हो जाते हैं और विचार विमर्श करने लगते हैं.................. कुछ देर बाद मनोज अपना निर्णय सुनाता है........ मनोज: सभी के लौड़ो और चूतों के हालातों को देखते हुवे अभी एक राउण्ड चुदाई करवाए जाने का निर्णय लिया है........लेकिन वो चुदाई सेशन हम अभी आपको प्लान करके बताते हैं.............. और फिर सभी हलके नाश्ते के लिए पास ही सजी खाने कि मेज कि और बढ जाते हैं..................... आप सभी रवि-रोमा; रोनी-मेरी; मनोज-अलका और सलीम-हिना से तो मिल चुकें हैं........अब मैं आपको बाकि कपल से भी वाकिफ करा देता हूँ........ देव-शिल्पा राज-चांदनी अमित-मीनू अमन-श्वेता प्रेम-शालू सागर-शाहीन (यह हिन्दू-मुस्लिम जोड़ी है) अब तक के प्रसंग- वर्णन पर आप सभी महानुभाव अपने- अपने विचार व्यक्त करने की कृपा करें, ताकि आप सभी की भावनाओं के अनुरूप कहानी को विस्तार दिया जा सके................ जब तक नाश्ते का दौर चलता है अलका और मनोज दिमाग लड़ा रहे हैं कि आपस में केसे चुदवाया जाय सबको...... अलग अलग विकल्पों पर विचार कर रहे थे....... अंत मैं वो उठ कर सभी के पास आये.... अलका: तो तय यह हुआ है कि एक मर्द और एक लेडी का नाम लौटरी से निकला जायेगा और फिर उस मर्द को बाकी की ९ लेडिस झड्वाएगी और इसी तरेह से लेडी को बाकि सब मर्द मर्दन करेंगे.... ये सुनते है सब तालियाँ बजने लगते हैं................ लौटरी का पहला नाम पुकारा जाता है...............सागर..... और दूसरा................अलका.... सब आश्चर्य से एक दुसरे की तरफ देखने लगते हैं...............ये तो खेल खिलाने वाले हैं...........अलका का नाम कैसे आ गया.............. अलका: क्या क्या खुसुर पुसुर हो रही है......... और झट से अपना छोटा सा स्कर्ट ऊपर करके अपनी चड्डी सबको दिखाती है............. अलका: ये देखो मेरी पेंटी.......पूरी कि पूरी गीली हो गई है.............लगता है जैसे अभी स्विम्मिंग पूल से निकल कर आ रही हूँ.............हमारा भी तो सोचो यार....... प्रेम: लाओ ....लाओ... दिखा तो अलका ....... और ये कहकर प्रेम अलका कि गीली चड्डी पे झपट्टा मरता है............. प्रेम: चलो चलो निकालो इसको..........गीली चड्डी पहनी रहोगी तो रेशेस हो जायेंगे........... और इतना कहकर चड्डी उतरने लगता है.......... परन्तु गीली होने कि वजेह से उतरने में आसानी नहीं हो रही थी......... प्रेम: तेरी माँ की चूत साली..............ले.......... और ये कहकर प्रेम अलका की चड्डी फाड़ देता है.......... मनोज: गांडू मेरी बीवी की चूत के सबको दर्शन करा दिए......अब देख बेटा..... ये कहकर वो श्वेता पर झपटता है........ श्वेता को कुछ समझ आये इसके पहले ही वो टॉप को खींच कर फाड़ देता है.... श्वेता उईईईईई कहकर भागती है...... तभी कई जोड़ी मरदाना हाथ उसे थाम लेते हैं और मनोज के लिए उसे हाज़िर कर देते हैं....... श्वेता कसमसाने लगती है............ श्वेता: नहीं मनोज..........प्लीज .....फाड़ना मत...लो मैं खुद ही नंगी हो जाती हूँ........ मनोज: नहीं दोस्तों.....इस रांड को छोडना मत........ और यह कहकर वो श्वेता को दबोच लेता है......... और जोर से उसकी ब्रा को खींच कर अलग कर देता है.......... श्वेता: प्लीज़ ...... मेरी जींस मत फाड़ना...... मनोज इस बार जींस खोल कर उसे जोर से खींच कर निकालता है.......... और फिर उसका अन्डरवियर भी पलक झपकते ही हवा में लहराता नज़र आता है............ ये सब इतनी तेज़ी से हुआ और संयोजक ही इसमें शामिल था तो बस फिर क्या था सबके सब्र के बाँध टूट गए...... सभी एक दुसरे को नंगा करने में जुट गए............ जिसका हाथ जहाँ पहुंचा वो ही खींच खींच कर हवा में उडाया जाने लगा........ चारो और शोर मचा हुआ था........ कोई बचने के लिए उधर भागी जा रही थी तो पता चला दुसरे मर्द ने पकड़ लिया और वोही उसे नंगा करने में भिड़ गया ..... मेरी नज़रें शाहीन पर जा लगी ...... राज अभी तक शाहीन के एक भी कपड़े खींच कर निकल नहीं पाया था........ तभी राज़ ने गुस्से में शाहीन को उठाया और अपने कंधे पर लटका लिया.... अब वो बिस्तर कि और बड़ चला........... मैं भी उसके पीछे लग गया........ राज़ ने उसे बिस्तर पर पटक दिया और लगा सलवार का नाडा खींचने...... शाहीन जोर से नाड़े कि गाँठ को दोनों हाथों से पकड़े हुई थी............. राज़ बहुत जोर लगा रहा था और गन्दी गन्दी गलियां भी बकते जा रहा था........... अचानक मैंने शाहीन के कुरते को फाड़ना चालू कर दिया.............. उसने मुझसे अपना कुरता बचने के चक्कर में सलवार पर से अपनी पकड़ ढीली की...... मुझसे अपना कुरता तो बचा नहीं पाई .....उधर सलवार से भी हाथ धो बैठी........... राज़ ने सलवार का नाड़ा खीन्चा और फिर........ नीचे से चड्डी सहित सलवार हवा में .............. ऊपर मेरे हाथों से कुरता दो खंडो में परिवर्तित ........ जैसे ही मुझे उसकी ब्रा में कैद कबूतर कि झलक मिली.......मेरे हाथ कबूतरों को आज़ादी दिलवाने में लिप्त हो गए....... राज़ भी नीचे का वेंटी-लेशन शुरू करवा कर ऊपर कबूतरों पर झपटा....... अब चार जोड़ी हाथ..............पलक झपकते ही शाहीन मादरजात नंगी...... अब तक लगभग सभी चूतें सार्वजनिक हो चुकी थी............ लौड़े वालों ने अभी जरा सांस ली ही थी कि सारी नंगियों से एक एक करके लौड़ो पर हमला बोल दिया...... एक एक लंड को रोशनी में लेन के लिए दस दस जोड़े हाथ काम पर लगे हुवे थे............ अंत में जब सब वस्त्र-विहीन हो गए तब सब निचे बैठ गए............ मनोज: सागर, आप अपने लंड महाशय को सभालें और शयन शैया कि और प्रस्थान करें........ आपकी सेवा में इस महफ़िल की सारी योवनाएँ तुरंत प्रस्तुत कि जा रही है...... सागर उठ कर एक बड़े से बेड कि और भागा..... इसी तरह का निर्देश अलका को भी दिया गया.......... वो भी तुरंत एक रुमाल से अपनी चूत से निकलते हुवे पानी को एक बार फिर से पूछ कर बेड कि और चलीं........ सारे मर्द अलका के बेड के इर्द गिर्द और सारी नंगी परियां सागर को घेरे............... अब दोनों ही एक बहुत ही वाइल्ड और अति उत्तेजक आर्गाज्म से ज्यादा दूर नहीं थे. मैं अलका के एक बोबे पर हमला करने की तैयारी करते हुवे सोच रहा था कि इतने मर्द एक यौवना के अंग प्रत्यंग का मर्दन करेंगे तो चुदाई कि नौबत ही नहीं आएगी.... ये तो अभी खल्लास होती है.............. और तभी पांच लंड एकसाथ अलका के चेहरे, गालों और होंठो पर रगड़ खाने लगे........... अलका मदहोशी के साथ उन सभी लंडों से चुहल करने लगी....... किसी को चुम्मी दे रही थी....किसी को पुचकार रही थी........... किसी को मसल रही थी............... समझ नहीं आ रहा था एक साथ इतने सरे हथियारों के साथ क्या किया जाय....... पागल सी होने लगी............... तभी उसके एक बोबे पर मेरे होंठो ने हमला किया.............. और साथ ही उसका दूसरा बोबा भी एक जोड़ी होंठो के कब्ज़े में आ गया............ मैंने उसके कड़क परन्तु बहुत ही रसीले कलामी आम को बेतरतीबी से चूसा चालू कर दिया........दुसरे आम को भी बुरी तरह से खाया जा रहा था............. अलका के शरीर मैं २२० वाट का करंट दौड़ने लगा....... उसके शरीर में रह रह कर ऐंठन पड़ रही थी....... वो अपने कूल्हों को बुरी तरह से पटक रही थी.............. तभी दिलीप ने, जो अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था, बुरी तरह से मचल रहे विचलित कूल्हों को अपने दो मज़बूत हाथों से थाम लिया......... अब अलका एकदम जकड़ ली गई.................. उसके मुंह से आन्हे निकालने लगी.............. तभी दिलीप के हाथ कूल्हों से फिसलकर जांघो की ओर बढाने लगे............. और फिर एक झटके से दोनों जांघो को यथा-संभव दूर फैला दिया............ अब चिकनी और सपाट चूत जो कि योनी-रस से सराबोर थी मनोज के ठीक मुंह के सामने थी........... अलका के साथ ऊपर जो सात लोग कृत्य कर रहे थे उसके घोर प्रभाव से अलका कि चूत एक झरने में तब्दील हो गई............ रह रह कर अमृत कलश छलक रहा था.............. मनोज से ये दिलकश नज़ारा और नहीं देखा गया और वो बस उस अमृत कलश से छलक रहे जाम का रसास्वादन करने के लिए आगे बड़ा.......... ऊपर हमारे भाई लोग अपने हाथों को अलका की कंचन काया पर अविरल फिसला रहे थे............. शायद ही कोई अंग बचा होगा जो मर्दों कि ज़द से बाहर हो............ हर जगह मरदाना छाप छोड़ी जा रही थी............... अलका को लग रहा था की बस कोई उसके शरीर को बुरी तरह से तोड़ डाले........... इतनी तरंगे उठा रही थी उसमे.................और तभी................ दिलीप ने अब अपनी अंतिम छाप छोड़ने का फैसला किया............... वो तुरंत अलका के योनी-फलकों को अपने हाथों से फैलाते हुवे........ झुका और अपने होंठो से उसके दाने पर जोरदार आक्रमण कर दिया..............बस यही वह क्षण था जब............. अलका की एक जोरदार चीख उस विशाल कक्ष में गूंजी............. ये चुदास से भरपूर प्री-आर्गाज्म चीख़ थी............ अलका अपनी मंजिल से जरा दूर थी..................... ये महसूस होते ही सारे के सारे मर्द तेज़ी से अपने काम को अंजाम देने लगे............. दिलीप कि चुसी और चटाई बुरी तरह से जारी थी.... जितना दिलीप का मुंह अलका की चूत में घुसता........... उतना ही अलका चीख़ रही थी............... और फिर अलका जोर से दहाड़ कर ढेर हो गई.............. पूर्ण रूप से संतुष्ट और निढाल............ एक लाश की भांति पड़ी थी जिसकी सांसे अस्त व्यस्त अंदाज़ में चल रही थी............ सभी मर्द उसे छोड़ कर हटे........................ (उधर दुसरे बिस्तर पर...................) सागर अपने आस पास ८ नग्न सौंदर्य को एकसाथ पाकर उत्तेजना के शिखर पर था................. इस पल की तो कभी कल्पना भी नहीं की थी उसने ................ और ये प्रत्यक्ष घटित होने जा रहा था.................... उसका लंड रह रह कर उछाले खा रहा था.............. वो अपने हाथ और पैर फैला कर पीठ के बल लेट गया.............. लंड अपनी पूर्ण कठोरता के साथ.............ऊपर नीचे हो रहा था............ सभी सुंदरियों ने आसपास घेरा बना लिया और .................... फिर घुटनों के बल.........पलंग के ऊपर सागर के समीप आने लगी............... (आगे के प्रसंग का अगले अपडेट तक कृपा करके इंतज़ार करें................और अपनी अमूल्य राय से अवगत करना ना भूलें.............) (उधर दुसरे बिस्तर पर...................) सागर अपने आस पास ८ नग्न सौंदर्य को एकसाथ पाकर उत्तेजना के शिखर पर था................. इस पल की तो कभी कल्पना भी नहीं की थी उसने ................ और ये प्रत्यक्ष घटित होने जा रहा था.................... उसका लंड रह रह कर उछाले खा रहा था.............. वो अपने हाथ और पैर फैला कर पीठ के बल लेट गया.............. लंड अपनी पूर्ण कठोरता के साथ.............ऊपर नीचे हो रहा था............ सभी सुंदरियों ने आसपास घेरा बना लिया और .................... फिर घुटनों के बल.........पलंग के ऊपर सागर के समीप आने लगी............... ------------------------------- ........ अब आगे ------------------------------- समीप आते आते वो धीरे धीरे झुकने लगी....... अब चारो तरफ से सागर को अपने शरीर की तरफ बढते हुवे सिर्फ चूचियां ही चूचियां नज़र आ रही थी.............. और फिर एक एक करके सभी ने अपने अपने चुचचे उसके शरीर पर सटा दिए............ एक साथ नौ जोड़े चुच्चे जैसे ही उसके शरीर के संपर्क में आये................ उसे लगा.... अठारह बिजली के नंगे तार चारों ओर से उसे चुभो दिए गयें हों.............. एक दम जोर का झटका बहुत जोरों से लगा उसे....... और फिर सभी ने एक लय में उन चुच्चों को सागर के शरीर से रगड़ना शुरू कर दिया......... २ चूचियां उसके मुंह में, चार चेस्ट पर, चार पेट पर और दो उसके लंड और जांघो पर........ कोई दो मिनट तक उसकी ऐसी ही रगड़ाई होती रही.............. सागर के मुंह से गूं गू कि आवाजें आ रही थी............ अचानक उसके हाथ हरकत में आये..................... उसके दोनों हाथ दो नंगे शरीरों के निचे दबे हुवे थे................ उसने अपनी दोनों हथेलियों से कुछ ढूँढना शुरू किया.............. तुरंत ही उसे दो जोड़ी रसीली चूंते मिल गई............ उसने अपनी हथेलियों से चूतों को मसलना चालू कर दिया............ जिन जिन गोरियों कि चूतें मसली जा रही थी उन्होंने भी साथ देते हुवे अपने कुल्हे थोड़े हवा में ऊपर उठा लिए......... अब सागर आसानी से बिना झांट वाली एक दम चिकनी चूतों को जोर जोर से मसलने लगा............. मीनू जिसे अभी तक सागर के पास आने कि जगह नहीं मिल पाई थी................. उसने सबको पकड़ पकड़ कर हटाया और फिर सागर के ऊपर लेटकर उसे दबोच लिया.......... अब अपने शरीर को उसपर जोर जोर से रगड़ने लगी............ श्वेता जो सागर को अपने बोबे चूसा रही थी वो उठी और घूमकर लंड वाले स्थान पर आई........ मेरी ने अभी अभी लंड से अपने बोबे हटाये थे.............. उसे हटाकर...................झट से लंड पे कब्ज़ा कर लिया............ दोनों हाथों से लंड को कस के पकड़ के मसलने लगी............ मीनू सागर के ऊपर अपना पूरा शरीर जोर जोर से रगड़ रही थी............ श्वेता के लंड पकड़ लिए जाने से वो अब ज्यादा मूवेमेंट नहीं कर पा रही थी........... इसलिए उसने अपने शरीर को थोडा ऊपर सरकाया और फिर रगड़ना चालू कर दिया............. इस बीच.......बाकि सभी को जहाँ जगह मिली वहीँ से सागर को छूने, मसलने और रगड़ने लगीं...... दो ने तो अपने अपने बोबे सागर को पकड़ा दिए .............. वो जोर जोर से उन बोबों से खिलवाड़ करने लगा............. सागर की बीवी शाहीन ने एकदम से अपना हाथ सागर कि गांड की और बढाया......... और गांड का छेद महसूस होते ही उसमे एक उंगली घुसेड दी............... सागर की उन्माद मिश्रित दर्द कि एक कराह सुनाई दी............... सागर अब जोर जोर से छटपटा रहा था................. मीनू को जैसे ही लगा कि सागर का किनारा नज़दीक आने वाला है.............. उसने लंड को मसलते मसलते उसे अपने होंठो से लगा लिया........ और फिर एक ही झटके में उसे मुश्टंड लंड को निगल गई............ और फिर अपने सर को जोर जोर से ऊपर निचे करके लंड कि जोरदार चुसाई शुरू कर दी........... सागर काँप रहा था साथ ही जोर जोर से आह आह भी कर रहा था............... सभी ने अपनी अपनी स्पीड बड़ा दी............... शाहीन ने जैसे ही सागर को झड़ने के नज़दीक पाया ............... उसने अपनी पूरी उंगली उसकी गांड में घचोड़ दी................. सागर के लंड ने तुरंत भरभरा के मीनू के मुंह में पिचकारियाँ छोडनी शुरू कर दी............. दोनों हाथों में जो बोबे थे उन्हें कस दे भींच लिए............. और फिर एक जोर कि डकार लेते हुवे ढेर हो गया............... मीनू अभी भी लंड को हौले हौले अन्दर बाहर कर रही थी.......... लंड के सहारे सहारे उसका माल रिस रिस कर मीनू के मुंह से बाहर आ रहा था.......... मीनू यथा संभव माल गटक चुकी थी.............. सारी लेडिस अब सागर के पलंग से उठने लगी............... और फिर मीनू ने लंड बाहर निकला और अपने हाथों पर चिपटे माल को फिर से चाट चाट कर हज़म करने लगी................ अंत में शाहीन ने भी अपनी उंगली उसकी गांड से बाहर निकली........ और फिर अपने शौहर पर एक बहुत ही प्यार भरी निगाह डाली............. सागर आँख बंद करे अभी अभी गुज़रे तूफ़ान के बाद सुस्ता रहा था........... फिर वो वहां से उठा खड़ी हुई .................क्योंकि सागर को किनारा मिल चूका था.................
Posted on: Tue, 25 Jun 2013 00:12:46 +0000

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