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for all those who write hindi stories, here is a competition that not only gives you money, it also promises translation in french and english. so get down to thinking of that mystery you always wanted to write about, you have got till june to send your entry. कथादेश और सर्नुनोस का सहयोगी उपक्रम – हिन्दी की रहस्य-कल्पना कथा-प्रतियोगिता कथा-प्रविष्टियों के लिये आमन्त्रण सर्नुनोस बुक्स कथासाहित्यों को भौगोलिक सीमाओं के पार प्रोत्साहित, प्रसारित प्रचारित करने के लिये समर्पित प्रकाशन का आरंभ है। यह संस्था सिंगापुर मेँ पंजीकृत है तथा भारतीय और फ़्रेन्च लेखकों और अध्येताओं द्वारा संस्थापित और संचालित है। सर्नुनोस उर्वरता के केल्टिक (भारोपीय भाषा परिवार और संस्कृति की एक शाखा) देवता का नाम है। सिंधु घाटी सभ्यता की सील पर अंकित एक पशुपति के सदृश देवता से उनकी छवि बहुत मिलती जुलती है – सीमाओं के परे का प्रतीक। प्रतियोगिता के विषय मेँ प्रतियोगिता का उद्देश्या हिन्दी मेँ कथालेखन को प्रोत्साहित करना तथा प्रतिष्ठित व उदीयमान लेखकों को समान रूप से अवसर देना है। दस सर्वश्रेष्ठ कथाओं को 25000/= प्रत्येक का पुरस्कार दिया जायेगा। भागीदारों की संख्या कम से कम सौ होने पर ही प्रतियोगिता संपन्न की जायेगी। भागीदारी के लिये कुल योग्यता एक कथा-प्रविष्टि का निवेदन। आयु, प्रकाशन इत्यादि की कोई सीमा नहीं। कालानुक्रम प्रविष्टियाँ निम्नलिखित पते अथवा ईमेल पर 30 जून 1914 तक प्राप्त हो जानी चाहिये। परिणाम की घोषणा यथासंभव 31 अगस्त को होगी। पता ईमेल कथादेश पॉकेट L/57 दिलशाद गार्डेन दिल्ली kathadeshsahyatra gmail प्रतियोगिता के नियम • भागीदारी के लिये कुल योग्यता एक कथा-प्रविष्टि का निवेदन। आयु, प्रकाशन इत्यादि की कोई सीमा नहीं। • रचना मौलिक और पूर्णतः ( अन्तर्जाल समेत ) अप्रकाशित और अप्रसारित होनी चाहिये। • प्रत्येक प्रविष्टि के साथ लेखक के नाम पते टिकट समेत एक लिफ़ाफ़ा संलग्न होना चाहिये। अगर डाक से भेजी गयी प्रविष्टि के लिये प्राप्तिसूचना अभीष्ट हो तो नाम पते के साथ एक पोस्टकार्ड भी संलग्न करें। ईमेल द्वारा प्राप्त प्रविष्टियों की प्राप्तिसूचना ईमेल द्वारा दी जायेगी। • असामान्य स्थितियों में प्रतियोगिता को निरस्त करने का अधिकार प्रबन्धकों के पास सुरक्षित है, उदाहरण के लिये पर्याप्त प्रविष्टियाँ प्राप्त न होने की दशा मेँ। • एक लेखक की एक ही प्रविष्टि स्वीकार होगी। • प्रविष्टियों का मूल्यांकन प्रतियोगिता के शीर्षक की अनुरूपता व साहित्यिक उत्कृष्टता के आधार पर होगा। • अधिकतम शब्दसीमा लगभग 10,000 होनी चाहिये। • प्रविष्टि काग़ज़ के एक ओर, मार्जिन छोड़ कर साफ़ साफ़ लिखित अथवा टंकित होनी चाहिये। • प्रतियोगिता मेँ प्रविष्टि के अलावा भी रचना को अन्यत्र विचारार्थ भेजा जा सकता है किन्तु अन्यत्र स्वीकृति की दशा में सूचना तथा प्रतियोगिता से वापसी अनिवार्य है। • कॉपीराइट हर हाल मेँ लेखक का रहेगा। • परिणाम की घोषणा के बाद हिन्दी में प्रथम प्रकाशन का दो वर्ष की अवधि के लिये एकाधिकार और उसके बाद सामान्य अधिकार कथादेश के पास सुरक्षित रहेगा। • परिणाम की घोषणा के बाद अंग्रेज़ी, फ़्रेन्च और स्पैनिश में अनुवाद और प्रथम प्रकाशन का दो वर्ष की अवधि के लिये एकाधिकार और उसके बाद सामान्य अधिकार सर्नुनोसके पास सुरक्षित रहेगा। • निर्णायक मण्डल का निर्णय अन्तिम होगा और इस विषय मेँ कोई पत्राचार नहीं होगा। • प्रविष्टि के एक बार दाखिल हो जाने के बाद उसको बदला अथवा सम्पादित नहीं किया जा सकता। • प्रविष्टि के विषय मेँ अलग से कोई फ़ीड-बैक नहीं दिया जायेगा। • अन्ध-निर्णय द्वारा परिणाम निकाला जायेगा अतः प्रविष्टि के आलेख पर भागीदार का नाम या पता अंकित नहीं होना चाहिये। प्रविष्टि के प्रथम पृष्ठ पर ये विवरण अंकित हों किन्तु आलेख उस पृष्ठ से आरंभ न किया जाय। आलेख के प्रत्येक पृष्ठ पर रचना का नाम अंकित किया जाय। • हमारा उद्देश्य दस कहानियों के चुनाव का है लेकिन स्तर को देखते हुए संख्या घटाई भी जा सकती है। असामान्य स्थितियों मँ प्रतियोगिता के ये नियम बदले भी जा सकते हैं लेकिन ऐसे किसी भी परिवर्तन के लिये हम अपने कारण बतायेंगे। 1. Peter Hoeg mein Hoeg ka pronounciation Denmark mein हू hai, Danish colleague ne bataya 2. Didier Daeninckx ka pronounciation French mein दीदिये दैनैंक्स hai, Nolwen ne bataya. • साथी कथाकारों के लिये सलाह/सुझाव के कुछ शब्द रहस्य का मतलब अनिवार्यतः अपराध नहीं है। आपकी कहानी मेँ अपराध के अंश हो भी सकते हैँ, यदि यह स्पष्ट हो कि उनका इस्तेमाल मात्र धक्का या उत्तेजना पहुँचाने के लिये नहीं किया गया है। हमारी प्रतियोगिता अमरीकी लेखक एडगर एलेन पो तथा जापानी लेखक रैम्पो एडोगावा के कृतित्व के लिये श्रद्धांजलि स्वरूप है और हमारा यह मानना भी है कि रहस्य/सनसनी विधा के पास एक समृद्ध साहित्यिक विरासत मौजूद है। कहा गया है कि साहित्य का पहला जासूस चरित्र चार्ल्स डिकेन्स के ब्लीक हाउस का इन्स्पेक्टर बकेट था। दर-अस्ल चीनी कथा साहित्य मेँ जासूस जज बाओ सोलहवीं शताब्दी मेँ और जज डी अठारहवीं शताब्दी मेँ ही अवतरित हो चुके थे। हाल के वक्तों में अमारा लखाउस ( इटली), जौनाथन लेथेम ( यू.एस.ए) मीयूकी मियाबे (जापान), पाको इगनासियो ताइबो II (मेक्सिको) और पीटर हू (डेनमार्क) ने ऐसे ताकतवर थ्रिलर लिखे हैं जिन्होंने विधा को साहित्यिक सौन्दर्य और सामाजिक कमेण्ट्री से समृद्ध किया है। दीदिये देनैंक्स के पोलीस प्रक्रिया पर आधारित उपन्यास मर्डर इन मेमोरियम की वजह से फ़्रान्स मेँ नात्ज़ी गठबन्धनकारियों पर अभियोग चला तथा सोलह जु्लाई को फ़ासीवास और नस्लवाद पर मनन चिन्तन का दिन घोषित कर दिया गया। स्कैण्डिक देशों के लेखकों ने भी कुछ शाहकारों की रचना की है। कुछ लेखक अपने घटनास्थल को मुख्यधारा से इतर या हाशिये की जगहों पर ले गये हैं जैसे यूएसए की नवाजो इण्डियन बस्ती ( टोनी हिलरमैन की सार्जेण्ट लीपहॉर्न सिरीज़), नॉर्थ कोरिया ( जेम्स चर्च की इन्स्पेक्टर ओ सिरीज़) और लाओस ( कोलिन कॉटरिल की डॉ सीरी सिरीज़)। कुछ अन्य लेखकों ने अपने जासूसों से सुदूर अतीत के मामले सुलझवाए हैं। ब्रिटिश जासूसी साहित्य के दो उत्कृष्ट उदाहरण जोसेफ़िन टे और कोलिन डेक्सटर के उपन्यास है। टे की 1951 की किताब द डॉटर ऑफ़ टाइम मेँ स्कॉटलैण्ड यार्ड के इंस्पेक्टर एलेन ग्राण्ट ने किंग रिचर्ड III ( 1452 से 1485) के अपराधों की जाँच पड़ताल की है। डेक्सटर की द वेन्च इज़ डेड (1989) मेँ इन्स्पेक्टर मोर्स 1859 मेँ घटित अपराध सुलझाता है। संक्षेप मेँ: दुनिया भर में लेखकों ने हमारी थीम को लेकर बहुत कुछ किया है। आप भी कर सकते हैँ। अपनी कल्पना को काम पर लगाइये और अपनी आवाज़ मे लिखिये और ऐसी कहानी दीजिये जो रोचक, पठनीय, साहित्यिक और सामाजिक कमेण्ट्री से संयुक्त हो।
Posted on: Fri, 07 Mar 2014 04:12:31 +0000

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