अंतिम समय में टली GSLV-D5 की - TopicsExpress



          

अंतिम समय में टली GSLV-D5 की लॉन्चिंग:- भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जीएसएलवी डी-5 की तैयारियों को झटका लगा है। आज होने वाले जीएसएलवी के लांच को इधन मेँ लिकेज के कारण रोक दिया गया। शाम 4 बजकर 50 मिनट पर जीएसएटी-14 संचार उपग्रह को उसकी कक्षा में स्थापित करने के लिए जीएसएलवी-डी 5 को उड़ना था। अगर ऐसा होता तो भारत अंतरिक्ष तकनीक की दौड़ में एक और मील का पत्थर पार कर लेता, क्योंकि जीएसएलवी-डी5 की उड़ान स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन की सफलता की कहानी भी लिख देती। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाता जिनके पास क्रायोजेनिक इंजन बनाने की तकनीक मौजूद है। मालूम हो कि जीएसएलवी-डी 5 के ऊपरी स्टेज में स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन लगा है। क्रायोजेनिक इंजन में शून्य से बेहद कम तापमान में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन का बतौर ईंधन इस्तेमाल होता है। 15 अप्रैल 2010 को क्रायोजेनिक इंजन वाले जीएसएलवी-डी3 की उड़ान नाकाम हो गई थी। क्रायोजेनिक इंजन की कामयाबी अंतरिक्ष में कई बड़े मिशन का दरवाजा खोल देती। भारत चंद्रयान मिशन समेत अंतरिक्षयात्रियों को भेजने की क्षमता भी हासिल कर लेता। दुनिया का कोई भी देश भारत को ये तकनीक देने के लिए राजी नहीं है। फिलहाल भारत के पास रूस से मिला सिर्फ एक क्रायोजेनिक इंजन बचा है, भारत को अपने जीएसएलवी रॉकेट के लिए क्रायोजेनिक इंजन की जरूरत है ताकि वो तीन टन से ज्यादा भारी उपग्रहों को भी अंतरिक् में स्थापित कर सके। 1994 के बाद भारत अपने पीएसएलवी रॉकेट के जरिए 23 कामयाब उड़ानों की कहानी लिख चुका है। हालांकि भारी उपग्रहों को मनमुताबि कक्षा में स्थापित करने की पीएसएलवी रॉकेट की क्षमता सीमित है।
Posted on: Mon, 19 Aug 2013 11:59:46 +0000

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