अगर शेरों का इतिहास आप शेरों से नहीं सुनेंगे तो आपको उस इतिहास में शिकारियों की वीरता का ही वर्णन मिलेगा। इस मनः स्तिथी में भारत के इतिहास को विजेता आर्यों के नहीं बल्कि हारे हुए और गुलाम बना दिए गए और टट्टी साफ़ करने के काम में लगा दिए गए मूल निवासियों के मूंह से सुनिए। भारत का इतिहास आदिवासियों से पूछिए। वरना आपको वही राक्षसों , असुरों , ताड्काओं और नरकासुरों के वध की कहानियां सुना कर बहका दिया जाएगा। आपको विजेताओं के लिखे हुए इस इतिहास में कभी नहीं बताया जाएगा की ये करोड़ों मूल निवासी किस तरह हिंसा के बल पर हमारे द्वारा भूमि से वंचित किये गए? आज के सारे दलित अतीत में भूमिहीन कैसे बन गए थे ? कैसे इनको जबरन गुलाम बना कर सारे हीन काम करने के लिए मजबूर किया गया ?किस तरह इनकी महिलाओं को सदियों तक रौंदा गया? आइये सत्य को खोजें। आइये धर्म के मार्ग पर चलें। सत्य ही धर्म है। सत्य को स्वीकार कीजिये। धर्म को स्वीकार कीजिये।
Posted on: Mon, 02 Sep 2013 07:55:33 +0000
Trending Topics
Recently Viewed Topics
© 2015