अब कोई सपना ना देखे ये - TopicsExpress



          

अब कोई सपना ना देखे ये धरती बाँट ली जायेगी जो पाकिस्तान पुकारेगी, वो जीभ काट ली जायेगी जिनको भी मेरे भारत की धरती से प्यार नहीं होगा उनको भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं होगा धरती से अम्बर से कहना, हर ताल समंदर से कहना कहना कारगिल की घाटी से, गोहाटी से चौपाटी से ख़ूनी परिपाटी से कहना, दुश्मन की माटी से कहना कहना लोभी, मक्कारों से जासूसी करने वालों से जो मेरा आँगन तोड़ेगी वो बाँह तोड़ दी जाएगी जो आँख उठेगी भारत पर वो आँख फोड़ दी जाएगी सैंतालिस का बंटवारा भी कोई अंधा रोष रहा होगा जिन्ना की भूख रही होगी, गाँधी का दोष रहा होगा जो भूल हुई हमसे पहले, वो भूल नहीं होने देंगे हम एक इंच धरती भारत से अलग नहीं होने देंगे जो सीमा पार पड़ोसी है उसको तो क्या समझाना है वो बंटवारे का रोगी है उसका ये रोग पुराना है लेकिन रावलपिंडी पहले अपने दामन में तो झाँके अपने घर का आलम देखे मेरे आँगन में ना ताके भारत में दखलंदाजी की तो पछताना पड़ जायेगा रावलपिंडी, लाहौर, कराची तक भारत कहलायेगा ; ; ; ; ; ; ; ; ¤Heart Broker yadav
Posted on: Wed, 11 Sep 2013 03:31:51 +0000

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