अभी ज़्यादा दिन नहीं हुए, आप 2007 से 2012 के मध्य का शासन देख सकते हैं. तानाशाह सत्ता पक्ष के सामने सपा ने जनहित के मुद्दे पर सबसे आगे रहकर लड़ाई की, सपाजनो पर हुए लाठीचार्ज पर बहा ख़ून रहा हो या मुक़दमा एवं जेल भेजकर उत्पीड़न या साइकिल रैली व क्रान्ति रथ का पसीना रहा हो, समाजवािदयों का यही संघर्ष उन्हे सत्ता में ले आया . मतलब यह है कि सत्ता प्राप्ति के लिये समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में कहीं भी दंगे का सहारा नहीं लिया. अब ज़रा केन्द्र के मुख्य विपक्षी दल को देख लीजिए, जितनी बार सरकार बनीं घुुृवीकरण के ज़रिए बनीं. फिर दंगा कौन करा रहा है ???
Posted on: Sat, 21 Sep 2013 17:01:57 +0000
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