आज "चेन्नई एक्सप्रेस" को आधे घंटे तक झेला... उसके बाद झेलने की ताकत नहीं रही... जिन मित्रों को यह फ़िल्म पसंद आई उनके पास इसे पसंद करने का ज़रूर कोई कारण होगा -लेकिन मैं आधे घंटे तक उस कारण को ढूंढता रहा -और नाकामयाब होकर आखिरकार सो गया। चेन्नई एक्स्प्रेस की सफ़लता "बिल्ली के हाथों छींका टूटने" जैसी बात है। (सनद रहे कि आज 202.67 करोड़ रुपए कमाकर चेन्नई एक्सप्रेस हिन्दी सिनेमा के इतिहास की सबसे अधिक सफल फ़िल्म बन गई है। 3 ईडियट्स जैसी बढ़िया फ़िल्म अब दूसरे नम्बर पर आती है।)
Posted on: Sat, 24 Aug 2013 14:21:40 +0000
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