आज सुबह-सुबह पढ़ा कि उत्तराखंड के CM ने कांग्रेस नेतृत्व के दबाव में अपना विदेश दौरा रद्द कर दिया है. कितनी संवेदनहीनता आ गयी है system में जो अपने भाई-बहन को मरते देखकर लोगो में उनकी मदद करने के बजाय अपने स्वार्थ दिखने लगते है. politician और प्रशासन जो हमारे नौकर होते थे उन्हें हमारे निजी स्वार्थ ने हमारा मालिक बना दिया है. विदेशी नेता जब हमारे देश आते है और उनके यहाँ कोई casualty हो जाती है तो वे तत्काल अपना दौरा रद्द कर वापस चले जाते है और हमारे नेता विपदा के समय भी मौज मस्ती करने से नहीं चूकते. उत्तराखंड का लगभग 50% area विपदा से त्रस्त है लेकिन CM साहब विदेश दौरा रद्द होने से बड़ी दिक्कत feel कर रहे होंगे. आज PM साहब से प्रधानमंत्री राहत कोष में दान हेतु लोगो से अपील की. काश वे पिछले 10 साल में हुए घोटालों का महज 20% भी इस कार्य में लगवा देते तो लाखों लोगो को इतनी दिक्कत नहीं होती but इन समझदारों को कौन समझाए ??? कल हमने भी लोगो से दान हेतु कहा था but लोगों के comments आये कि भेड़ की रखवाली के लिये हम शेर को नहीं रखना चाहते अर्थात ये पैसा भी system की संवेदनहीन pocket में चला जायेगा. अब तो politician और प्रशासन के लोगों को केवल तब ही दुःख या परेशानी होती है जब उनका कोई अपना मरता है या कहीं फंसता है. दूसरों की परेशानियों से उन्हें कोई ज्यादा लेना-देना नहीं होता बस दिखावा भर कर लेते है.
Posted on: Fri, 21 Jun 2013 03:11:33 +0000
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