आशाराम बापू के खिलाफ - TopicsExpress



          

आशाराम बापू के खिलाफ गैर जमानती वारंट ,,, कांग्रेस ने मंद बुद्धि बबलू का बदला लेने के लिए झोकी पूरी ताकत ... पूरा प्लान बहुत ही बेहतरीन ढंग से तैयार किया गया है .. जोधपुर यानी राजस्थान ... सरकार कांग्रेस कमला मार्केट यानी दिल्ली .... सरकार कांग्रेस लड़की घटना के 5 दिन बाद दिल्ली किसके साथ आई ? मिडिया में इस पर कोई चर्चा नहीं है .. लड़की ने 5 दिन बाद जोधपुर के स्थान पर दिल्ली में FIR क्यों दर्ज करायी ? ? मिडिया में इस पर कोई चर्चा नहीं है .. दिल्ली ही एक ऐसा राज्य है जहाँ FIR लिखवाने से पहले कोई जांच नहीं होती , सीधे FIR लिखी जाती है जबकि अन्य राज्यों में जांच के बाद FIR लिखी जाती है ,यह जानते हुए भी मिडिया में इस पर कोई चर्चा नहीं है .. दिल्ली और राजस्थान दोनों ही सरकारे राज्य चुनावों में वापिस नहीं आने वाली कांग्रेस यह बात अच्छी तरह से जानती है इसलिए उसने अपना बदला लेने के लिए मामले को दिल्ली में उछलवाया ताकि देश और विदेश की मिडिया में आशाराम बापू पर जम कर प्रहार किये जा सके , जब मेडिकल में बलात्कार की पुष्ठी नहीं हुयी तब गैर जमानती धराओं में केस दर्ज करना इशारा करता है की कांग्रेस आशाराम बापू के साथ वही खेल खेलने जा रही है जो उसने उत्तराखंड में अपनी सरकार बन्ने के बाद स्वामी रामदेव जी के विरुद्ध खेलना शुरू किया है,, केवल दिल्ली एक ऐसा राज्य है ..... आशाराम बापू का बचाव नहीं कर रहा किन्तु ये घटनाक्रम पूरी तरह से एक ही ओर इशारा कर रहा है नहीं तो पश्चिम बंगाल के एक मौलवी , पाल धिनाकरण और जम्मू कश्मीर के सूफी के खिलाफ मिडिया ने ऐसे ही केसों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी , सदा की तरह इस बार भी आशाराम के जरिये निशाना सनातन धर्म पर ही है , 200 से ज्यादा लड़कियों से मदरसे में बलात्कार करने वाले सूफी मौलवी और आशाराम पर लगे आरोपों में कितना बड़ा अंतर है की दोनों में मिडिया में हल्ला और पुलसिया कार्यवाही में आशाराम बापू को ही जमकर निशाना बनाया जा रहा है
Posted on: Thu, 22 Aug 2013 11:33:05 +0000

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