आश्चर्य है, इनको पता तक नहीं है कि इनके पास जो धन है, वो कहाँ से आया है! देश की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात को जाहिर किया है, कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, कि उनके खजाने में जमा हज़ारों करोड़ रुपये उन्हें किसने दिए हैं। देश का एक साधारण नागरिक किसी अकाउंट में 50 हज़ार रुपये जमा करता है, तो सरकार कहती है कि हिसाब दो, PAN नंबर दो। ये अच्छी बात है, इस बात से कोई विरोध नहीं है। लेकिन जब आप देश के हर नागरिक से हिसाब मांगते हैं तो ठीक, और वो नागरिक आपसे RTI के माध्यम से हिसाब मांग लें तो वो गलत? हमें कौन बताएगा कि हमारा पैसा आप तक किस माध्यम से पंहुच रहा है? देश के हर सिक्के, हर नोट में देश के एक-एक नागरिक का कुछ न कुछ हिस्सा होता ही है। फिर यहाँ तो अरबों रूपए की बात है। और ये राजनीतिक दल सिर्फ इतना कह देते हैं, कि हमें नहीं पता कि कहाँ से आए हैं!! 67 वर्ष तक राजनीति ने अपनी तरफ से एकतरफा संवाद रखा है, लेकिन अब नहीं चलेगा। अब देश हिसाब मांगेगा, जवाब मांगेगा। अभी समय है सुधार कर लो ये आनाकानी नहीं चलेगी सही की नक़ली मुहर लगाकर ग़लत कहानी नहीं चलेगी घमण्डी वक़्तों के बादशाहों बदलते मौसम की नब्ज़ देखो महज़ तुम्हारे इशारों पे अब हवा सुहानी नहीं चलेगी किसी की धरती, किसी की खेती, किसी की मेहनत, फ़सल किसी की जो बाबा आदम से चल रही थी, वो बेईमानी नहीं चलेगी (- श्री उदय प्रताप सिंह
Posted on: Fri, 04 Oct 2013 05:42:05 +0000