इसे कहते हैं किफायती सोच...... उपस्थित जन समूह - करीब 7 लाख..(वो भी बम धमाकों की घटना के बावजूद) ::स्थान - पटना,आबादी - करीब १८ लाख, मौका- मोदी की रैली.. . दिल्ली आबादी -करीब सवा करोड़..मौक़ा -राहुलगांधी की रैली..उपस्थित जन समूह- करीब २५-३० हजार..(उम्मीद ५०००० की थी पर शीला जी के डांस के बावजूद पूरे लोग नहीं आ पाए..) उपरोक्त आंकड़े आप देखें..तो शीला जी का ये बयान सच साबित होता है कि जान बूझकर मंगोलपूरी के छोटे ग्राउंड का चयन शहजादे की रैली के लिए किया या.. और ये सब तब जब कि दिल्ली में सरकार भी कौंग्रेस की है... . मतलब कौंग्रेस को भी पता था कि बबलू की रैली में ज्यादा पब्लिक नहीं आने वाली.. (तो इसे कहते हैं किफायती सोच......) .
Posted on: Mon, 28 Oct 2013 05:17:27 +0000
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