ऑफिस में बेथ की अभी सुना की कुछ भाई लोग व् बहनी भी है ... चें-चपर-चु इंग्लिश में कर रहें ... और अकाद के चलते है ... जैसे इनके जैसा सभ्य कोई दूसरा नहीं .... अभी उत्तराखंड में आपदा के लिए दो रुपल्ली भी नहीं निकली इनके जेब से .... तो भाई काहे के तुम स्मार्ट ... काहे के तुम सभ्य .... काहे के तुम SECULAR... इससे अच्छे तो मेरे कुछ मित्र जो गवांर लगते है ... हिंदी बोलते है ... पिछड़े लगते है ... क्योकि तेज़ की इंग्लिश नहीं आती ...कभी कभी आप जैसे लोगों के सामने सरमा जाते है ... हंसी भी आती है ... और दुःख भी होता है .... क्या येही GLOBAL WORLD है .... क्या येही मॉडर्न है ... उत्तराखंड आपदा ने दो चीज़े सीखाई .. १. अपने मूल को मत छोडो .... हां उसमे कुछ कमी या विसंगतियां आ गयी है तो उस पर काम करो .. न की उसे गाली दो ... मतलब आप धोनी मत बनो .... ऐसे ही इस भारत में रहने वाला हर व्यक्ति सनातनी है ..... कुछ पारसी .. कुछ पोर्तुगुएसे ,, कुछ चिनि… आदि आदि को छोड़कर ... तो सनातनी धरम से नफरत करना ... हिन्दू के खिलाफ नाक मुह सिकोड़ना ... मतलब आप भी "धोनी" हुए ... २. उन लोगो से है ... जो वहां के है ... उनमे भी सभी में उत्साह था ऐसा नहीं .... था .... वह भी "तेंदुलकर" नाम की प्रजाति के लोग भी है .... जिनको कोई मतलब नहीं .... हमे कई लोग मिले ... जो प्रश्न तो आपसे दस पूछते पर एक किलो आटे का पैसा न निकला अपने लोगों के लिए ..... तो सभी मित्रो ... सभी भारती वासियों .... न धोनी बनो ... न तेंदुलकर .... बनना है तो विवेकानंद बनो ... बनना है तो kalaam बनो ... बनना है तो उधम सिंह बनो ... Boycott .... DHONI and TENDULKAR type people ....
Posted on: Fri, 02 Aug 2013 04:56:52 +0000
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