और ख़ुदा हमारा है…. ताक़तें तुम्हारी हैं और ख़ुदा हमारा है अक्स पर ना इतराओ आईना हमारा है आप की गु़लामी का बोझ हम ना ढोएं गें आबरू से मरने का फ़ैसला हमारा है उम्र भर तो कोई भी जंग लड़ नहीं सकता तुम भी टूट जाओ गे तजुर्बा हमारा है अपनी रहनुमाई पर अब ग़रूर मत करना आप से बहुत आगे नक़श-ए-पा हमारा है ग़ैरत जिहाद अपनी ज़ख़म खा के जागेगी पहला वार तुम कर लो दूसरा हमारा है ताक़तें तुम्हारी हैं और ख़ुदा हमारा है । । । । । मंज़र भोपाली @Abdul H Khan #08
Posted on: Thu, 19 Sep 2013 03:47:36 +0000