औरत हूँ मैं, मिटटी की मूरत - TopicsExpress



          

औरत हूँ मैं, मिटटी की मूरत हूँ मैं, कहीं खुबसूरत तो कहीं, बदसूरत हूँ मैं, अहिल्या हूँ मैं, कहीं सीता हूँ मैं, कबीर की चौपाई बनी, कहीं गीता हूँ मैं श्याम की बंसी हूँ तो, कहीं मीरा दीवानी हूँ मैं, दर्द में लिपटी हुई कोई कहानी हूँ मैं, राधा बनी प्रेम की मूरत हूँ मैं, औरत हूँ मैं...... कहीं अमृता की आस हूँ मैं, कहीं गार्गी की बात हूँ मैं, किरण बेदी का साहस हूँ मैं, कल्पना का विशवास हूँ मैं, झाँसी की रानी हूँ देश की जरुरत हूँ मैं, औरत हूँ मैं....... कहीं सोहनी का ख्वाब हूँ मैं, कहीं लैला का शबाब हूँ मैं, कहीं गंगा बन,पाप धोती हूँ मैं कहीं द्रौपदी बन, सब कुछ सहती हूँ मैं, कोख में मारी गयी, प्यारी सूरत हूँ मैं, औरत हूँ मैं, मिटटी की मूरत हूँ मैं, कहीं खुबसूरत तो कहीं बदसूरत हूँ मैं.
Posted on: Mon, 12 Aug 2013 15:43:53 +0000

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