कल चैनेलो पर सारे दोगले कांग्रेसी कह रहे थे की लालूप्रसाद के केस में ये साबित हो गया की सीबीआई पूरी ईमानदारी से अपना काम करती है | ये दोगले ये नही बताते की आखिर क्या कारण था की लालूप्रसाद को जेल भेजने वाले और चारा घोटाले के मुख्य जाँच अधिकारी सीबीआई के संयुक्त निदेशक को सीनियरीटी के बाद भी उन्हें सीबीआई का निदेशक क्यों नही बनाया गया ?? जब जांच सीबीआई के पांच साल पहले ही पूरी कर ली थी तो लालू को बचाने के लिए कोई न कोई पेंच क्यों और कौन फसा देता था ?? कोई भी जाँच इस बात पर निर्भर करती है की जाँच के शुरुआत में ही कितने ठोस सुबूतो के साथ ठोस मामला बना है .लालूप्रसाद के केस में शुरुआत में इंद्र कुमार गुजराल प्रधानमन्त्री थे जो बेहद ईमानदार थे इसलिए उन्होंने सीबीआई को जाँच के लिए खुली छुट दे दी थी और लालूप्रसाद के केस में शुरू से ही यूएन विश्वास ने इतने ठोस सुबूत कोर्ट में पेश कर चुके थे की अब लालू का बचना नामुमकिन था |
Posted on: Tue, 01 Oct 2013 13:49:16 +0000
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