कुछ लोगो की अपनी कोई राय या विचारधारा नहीं और न ही वो तर्क पर आधारित कोई विचारधारा का विकास भी करना चाहते हैं उनकी पसन्द और नापसंद बस इस्लाम और मुस्लिमो से जुडी हैं मतलब अगर मुसलमान सूअर को बुरा कहें तो वो उसको अच्छा मानेंगे उससे प्यार जताएंगे और अगर मुसलमान शेर को अच्छा कहें तो वो उसको बुरा कहेंगे उसको हिसक बताएँगे.... याद रखना आग के साथ दीपक की बाती या धागा भी जलता रहता हैं लेकिन ये बात कम लोगो को ही समझ आएगी... #08
Posted on: Tue, 24 Sep 2013 13:43:45 +0000
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