कुपोषण खत्म करने के - TopicsExpress



          

कुपोषण खत्म करने के मामले में गुजरात पहले नंबर पर:: जी हाँ, आपने सही पढ़ा और ये मैं नहीं बल्कि CAG की रिपोर्ट खुद कहती है, और अगर CAG की माने तो गुजरात में 2007 में जहाँ 71% कुपोषित बच्चे थे वहीँ ये अब घटकर सिर्फ 39% रह गयी है, वहीँ अगर देश की बात करें तो 2007 में जहाँ कुपोषित बच्चों की संख्या 50.1% थी वो अब घटकर 41.1% रह गयी है. गुजरात के अलावा अगर दूसरे किसी विकसित राज्य में कुपोषण की बात करें तो आपको थोडा आश्चर्य होगा क्यूंकि इसमें आंध्र प्रदेश में 49%, बिहार में 82%, हरियाणा में 43%, राजस्थान में 43% और दिल्ली में 50% कुपोषित बच्चे हैं. एक नज़र उन राज्यों पर जहाँ कुपोषित बच्चों की संख्या बहुत हद तक कम हुई है: गुजरात- 71% to 39% कर्णाटक- 53% to 41% महाराष्ट्र- 45% to 23% उत्तराखंड- 46% to 25% उत्तर प्रदेश- 53% to 41% पश्चिम बंगाल- 53% to 37% पूरी खबर और आंकड़ों के लिए: firstpost/economy/guess-which-state-improved-most-in-malnutrition-gujarat-650087.html केग बना सरकारी पोपट जिस संस्था को संविधान के मुताबिक हक ही नहीं है वो भला कुपोषण के बारे मे रिपोर्ट दे कैसे सकती है ? यकीन नहीं तो पढ़िये CAG याने Comptroller and Auditor General of India और इस संस्था का काम है सरकारी खर्चो पर नजर रखना ओर सरकारी खर्चो मे गैर रीति ना हो इस बात का ध्यान रखना CAG को भारत का संविधान ये हक नहीं देता है की आरोग्य जैसी बाबतों पर वो रिपोर्ट दे सके अगर ऐसा ही चलेगा तो कल highway authority of india का रिपोर्ट आएगा की गुजरात की स्कूल मे अँग्रेजी ठीक से पढ़ाई नहीं जाती है ओर फिर airport authority of india वाले का रिपोर्ट आएगा की गुजरात मे ऑटो रिक्षावाले यूनिफ़ोर्म नहीं पहेनते है home ministry of india का रिपोर्ट आएगा की गुजरात मे हर तीसरे खेत मे प्याज की फसल नहीं होती है इस लिए प्याज महेंगे है जिस संस्था को संविधान के मुताबिक हक ही नहीं है वो भला कुपोषण के बारे मे रिपोर्ट दे कैसे सकती है ?
Posted on: Sat, 05 Oct 2013 20:00:21 +0000

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