क्या आप भी अपने बच्चो को गटर (CONVENT ) में भेजते है ? ? ? करीब २५०० सालो से यूरोप में बच्चे पालने की परंपरा नही थी बचा पैदा होते ही उसे टोकरी में रख कर लावारिस छोड़ दिया जाता था अगर किसी चर्च की ब्यक्ति की नजर पड़े तोह वो बच जाता था नही तोह उसे जानवर खा जाते थे | यूरोप के दार्शनिक रूसो के अनुसार बच्चे पति पत्नी के शारीरिक आनंद में बाधक है इसलिए इनको रखना अच्छा नही है किउंकि शारीरिक आनंद ही सबकुछ होता है | और एक दशानिक प्लेटो के अनु सर हर मनुष्य के जीबन का आखरी उद्येश्य है शारीरिक आनंद की प्राप्ति और बच्चे अगर उसमे रुकावट है तोह उसको रखना नही छोड़ देना है | ऐसे ही दुसरे दार्शनिक जैसे दिकारते , लेबेनित्ज़ , अरस्तु सबने अपनी बछो को लावारिस छोड़ा था | ऐसे छोड़े हुए बछो को रखने के लिए यूरोप के राजाओ ने या सरकारों ने कुछ संस्थाए खड़ी किया जिनको CONVENT कहा जाता है | CONVENT का माने लावारिस बछो का स्कूल | CONVENT में पड़ने वाले बछो को माँ बाप का अहसास कराने के लिए उहाँ पर पड़ने वाले जो अध्याप्पक होते है उनको मादर फादर, ब्रादर और सिस्टर कहते है
Posted on: Fri, 25 Oct 2013 02:40:28 +0000
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