जब अटल जी युवा थे और अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था तो उन्होंने कहा था कि वो कहीं भी जाएँगे तो केवल हिंदी ही बोलेँगे ।जब वो प्रधानमंत्री बने तो संयुक्त राष्ट्र संघ में गए तोवोहिंदी में बोले तो किसी ने कहाकि अंग्रेजी में बोलो । तो अटल जी ने जवाब दिया की तुम्हें समझ में नहीं आता तो ट्रांसलेटर रखो पर मैं तो हिंदी मेंही बोलूंगा । और एक बार अटल जी बहुत बीमार हो गएतो उनसे कहा गया कि आप विदेश में जा कर उपचार करवा लो तो अटल जी ने कहा कि यदि मैं विदेश में उपचार करवाने जाऊँगा तो विश्व में यही संदेश जाएगा कि भारत में चकित्सा सुविधा अच्छी नहीं है इसीलिए अटल जी ने मुम्बई में अपना उपचार करवाया । इससे पता चलता है कि वो कितने स्वाभिमानी हैं । और उनका स्वाभिमान सर्वथा उचित है क्योंकि जब तक आप स्वयं अपने देश का सम्मान नहीं करते तब तक कोई दूसरा कैसे सम्मान करेगा ? आपका क्या विचार है मित्रो ???
Posted on: Thu, 20 Jun 2013 15:30:54 +0000
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