दिल्ली बलात्कार केस के - TopicsExpress



          

दिल्ली बलात्कार केस के बाद सवाल तो हजारो है कि किसी और की बेटी होती तो तो न्याय का रुख क्या होता ? इतना बड़ा जनांदोलन ना होता तो न्याय किस करवट बेठता ? . लेकिन ये अनुशासन की पराकाष्ठा ही है की " मेरी बेटी होती और शादी के पहले अनैतिक सम्बन्ध बनाती , रात 11 बजे बॉयफ्रेंड के साथ अनर्गल कारणों से होती तो मै उसे जिन्दा जला देता " ! . किसी का भी समर्थन नहीं है मित्रो बस याद रखना जिस परिवार में " अनुशासन की पराकाष्ठा " इस हद तक रही तो वहां कभी अपराध और अनैतिकता जन्म नहीं लेगी ! . बल्लात्कार के लिए सजा -ए - मौत सर्वश्रेष्ठ है !
Posted on: Sun, 15 Sep 2013 05:35:00 +0000

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