दोष क्षमा करने की - TopicsExpress



          

दोष क्षमा करने की शिक्षा:- एक स्थान पर यह बताते हुए कि स्वर्ग किन लोगो के लिए हैं तथा उनकी विशेषताए क्या हैं? कहा गया हैं- (स्वर्ग उन लोगो के लिए है) जो सुख हो या दुख दोनो हालतों में परमार्थ के कामों में (धन) खर्च करते हैं और क्रोध को पी जाते हैं और लोगो के दोष क्षमा कर देते हैं।’’ (कुरआन, 3 :134) एक स्थान पर पैगम्बर मुहम्मद (सल्ल0) को सम्बोधित करके कहा गया हैं- ‘‘ऐ पैगम्बर! ईश्वर की कृपा से तुम इन लोगो के प्रति नम्रताशील हो। यदि तुम क्रूर स्वभावी एवं कठोर हृदय होते तो लोग तुम्हारे पास से भा जाते। अत: इन लोगो का दोष क्षमा कर दिया करो। और ईश्वर से भी इनके क्षमादान की प्रार्थना किया करो।’’ (कुरआन, 3 :159) ठीक नाप-तौल की शिक्षा (तौलने में) अत्याचार न करो, और न्याय के साथ ठीक-ठीक तौलों तथा तौल कम मत करों।’’ (कुरआन 55:7) ईश्वर के एक पैगम्बर हजरत शुऐब (उन पर ईश्वर की ओर से शान्ति हो) की कौम नाप-तौल और लेन-देन के बारे मे आजकल के लोगो की भांति भ्रष्ट थी, कुरआन मजीद में हजरत शुऐब का उपदेश इस प्रकार वर्णित हैं- ‘‘ ऐ मेरी कौम के लोगो! नाप पूरी दिया करो, और तौल न्याय के साथ ठीक-ठीक किया करो। और लोगो को उनकी वस्तुएं देने में कमी न किया करो और देश में अव्यवस्था उत्पन्न न करो।’’(कुरआन, 11 : 85) एक स्थान पर नाप-तौल में कमी करनेवालो का कुपरिणाम बताते हुए कहा गया हैं कि ऐसे लोग नाप-तौल और लेन-देन में भ्रष्टाचार इसलिए करते है कि मरने के पश्चात प्रलय में पुनजीवन पर उनका विश्वास नही हैं, वे इसी जीवन को सब कुछ समझते हैं। अत: कहा गया हैं- ‘‘विनास है नाप-तौल मे कमी करनेवालो के लिए जो लोग से कुछ नाप कर लेते है तो पूरा लेते हैं और जब उनको नापकर या तौलकर देते हैं तो कम कर देते हैं। क्या ये लोग विचार नही करते कि (मरने के बाद पुन: जीवित करके) उठाए जाएंगे।’’
Posted on: Wed, 26 Jun 2013 04:29:57 +0000

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