दुआ की बात करते हो, यहाँ - TopicsExpress



          

दुआ की बात करते हो, यहाँ गाली नहीं मिलती दो रूपये में चाय की प्याली नहीं मिलती यहाँ जीना तो मुश्किल है मगर मरना मुसीबत है सुना है अब तो कोई कब्र भी खाली नहीं मिलती कहीं तो हर कदम पर सिर्फ़ सब्ज़ा ही नजर आए कहीं सौ कोस चलने पर भी हरियाली नहीं मिलती हमारे दौर के बच्चों ने सब कुछ देख डाला है मदारी को तमाशों पर कोई ताली नहीं मिलती सफेदी ओढ़ने का यह नतीजा है कि लोगों के लहू में भी लहू जैसी कहीं लाली नहीं मिलती गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, मौत, सब तो हैं मगर सरकार का दावा है, बदहाली नहीं मिलती.. #S_T
Posted on: Wed, 30 Oct 2013 05:36:13 +0000

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