"देश के काले धन का अर्थशास्त्र" 1. देश से काला धन पाकिस्तान की आई एस आई से साठ गाँठ करके देश के कुख्यात अपराधी हवाला के ज़रिये ऐसे देशों में ले जाते हैं जहाँ उनको टैक्स ना देने की पनाह मिली होती है ... 2. विदेशी वित्तीय संस्थान (Foreign Financial Institutions) इस काले धन को अपने कब्ज़े में लेते है और एक ऐसी भागीदारी रसीद (Participatory Notes) दे देते हैं जिस पर काले धन के मालिक की कोई जानकारी नहीं दी गयी होती है ..... कितना धन लिया है सिर्फ वह लिखा होता है ... 3. काले धन की इन भागीदारी रसीदों (PNs) को भारतीय रिज़र्व बैंक चुपचाप से स्वीकार कर लेता है तथा इनका भुगतान कर देता है और तब यह काला धन देश के शेयर बाज़ार में लगा दिया जाता है...... 4. जिस धन को देशवासी विदेशी वित्तीय संस्थाओं का निवेश समझते हैं वास्तव में वह देश का काला धन ही होता है जिसको सफ़ेद किया जा रहा होता है...... 5. तत्पश्चात शेयर बाज़ार से मुनाफ़ा कमाया जाता है और शेयर बाज़ार औंधे मुंह गिर जाता है और देश के आम निवेशक को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है...... 6. हमारे देश का रिज़र्व बैंक इस मुनाफे की राशि को डॉलर में भुगतान कर देता है .. और रुपया बद हाल होता जाता है ….. ..... साभार डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी ....Namo Namo
Posted on: Sat, 20 Jul 2013 11:07:15 +0000
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