धर्मनिरपेक्षता को SUICIDE BOMB की तरह देश के खिलाफ सोनिया के सामंत उपयोग करेंगे इसकी कल्पना भी देश के लोगो ने नहीं की थी। आज गृह मंत्रालय ने जो सरकुलर जारी किया है जिसमे पुलिस को हिदायत दी गयी है कि मुसलमानों को दंगा के बाद या उसकी सम्भावना को देखकर गिरफ्तार तबतक नहीं किया जाए जबतक फुल प्रूफ प्रमाण नहीं हो। तो क्या किसी इसाई , सिख, बौद्ध, पारसी, जैन, वनवासी, दलित को पुलिस बेवजह गिरफ्तार कर सकती है? मै पुनः एक प्रसंग को दुहरा रहा हूँ .१९४७ के दिसंबर में अजमेर में ८०० दंगइयो को गिरफ्तार किया गया था तो नेहरु ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि संतुलन बनाने के लिए हिन्दुओ को भी गिरफ्तार करना चाहिए। पटेल ने इसे नकार दिया था। आज सरकार के गृह मंत्री तो संतरी है. वे कैसे नकार सकते हैं? यह सरकुलर DAY LIGHT MURDER OF SECULARISM है। राज्य शांतिकाल के दंगइयो के सरंक्षण , संबल दे रही है। Rakesh Sinha ji
Posted on: Mon, 30 Sep 2013 17:09:48 +0000
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