बहनो के लिये मेरे मुहल्ले का एक लड़का अकसर सड़क पर मेरे साथ छेड़खानी करता था। एक दिन मैंने उसे बीच सड़क पर ही पीट दिया। घर आकर बताया कि उसे पीटकर आई हूं। मां डर गईं। पापा ने कहा, "शाबास।' फिर एक दिन यूनिवर्सिटी के सामने एक लड़का मेरी छाती पर कोहनी मारकर चला गया। मैंने उसे बीच सड़क ही दम भर थूरा। घर आकर बताया। मां डर गईं। पापा ने कहा, 'शाबास।' फिर पापा बोले, तुम अपने पास एक चाकू रखा करो।छेड़ने वाले को मारकर भी आओगी तो मुझे गर्व होगा। मां डरती ही रहीं। आज भी डरती हैं। हमें डरना छोड़ना होगा, अपनी इस देश की लाखों डरी हुई माँओं और लड़कियों का डर भगाने के लिए।
Posted on: Sat, 22 Jun 2013 06:13:26 +0000
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