भारत के दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की हालत को कैसे सुधारा जाए? उन्हें शहरियों, सवर्णों और अंग्रेजीदां लोगों के बराबर ऊंचा कैसे उठाया जाए? यह प्रश्न हमारे संविधान निर्माताओं के सामने था और गांधी व लोहिया-जैसे नेताओं के सामने भी था। तभी भारत की लोकतांत्रिक - See more at: nayaindia/opinion/column-reporter-dairy/nihati-swarth-ka-kila-hai-aarakshan-123944.html#sthash.CAcjFFm0.dpuf
Posted on: Wed, 07 Aug 2013 10:58:16 +0000