मध्ययुगीन शाहजहानी सोंच का पुनर्जन्म, राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ बहुत घातक है, खास कर हम जैसे युवाओं के लिए, इन राजनेताओं का क्या, इन्हें अपनी जेब से चवन्नी भी खर्च नहीं करनी होगी, पैसा लगेगा हम जैसे मजदूर, किसान, व्यापारी और नौकरीपेशा लोगों का कितन अच्छा होता अगर नरेंद्र जी मोदी भाई किसी प्रतिमा के बजाय विश्व के सबसे बड़े विश्विद्यालय, अस्पताल, वृधाश्रम या ऐसे ही किसी जनहितकरी भवन के निर्माण का सपना हमें दिखाते या इसके लिए प्रयास करते. हमारे खून पसीने की कमाई का कुछ तो सद्कार्यों में खर्च हो, वैसे ही इन राजनेताओं और मंत्रियों के सुरक्षा और झूटी आन बान शान और ठाट का बोझ हम चाहे न चाहे झेल ही रहे हैं. इन के वेतन भत्ते और अन्य सुविधाओं पर वक्त मिले तो विचार ज़रूर कीजियेगा. धन्यवाद
Posted on: Thu, 31 Oct 2013 11:27:34 +0000
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