मुसलमानों ने आज तक एक भी - TopicsExpress



          

मुसलमानों ने आज तक एक भी ऐसा अविष्कार नहीं किया, जिस से, हरेक व्यक्ति को फायदा हो सके, लेकिन मुसलमानों ने लोगों को बर्बाद करने और उनको मारने के अनेकों अविष्कार किये हैं,,, मुसलमानों की नीति है कि हर उपाय से दूसरों को मारा जाये, चाहे ऐसा करते समय हम खुद क्यों न मर जाएँ..... इसके लिए ही मुसलमानों ने आत्मघाती मानव बम का अविष्कार किया है.... इस्लामी मानव बम बनाने की यह विधि है "इस के लिए 8 वर्ष से लेकर 25 साल तक की आयु के ऐसे लडके -लड़कियों की जरूरत होती है जिनकी बुद्धि मदरसे की पढाई के कारण कुंद हो गयी हो या दिमाग कुछ भी सोचने समझने के लायक नहीं हो, और जिनमे जन्नत में जाकर अय्याशी करने की उत्कट इच्छा हो.... इसके अलावा जो अपनी मौत से साथ सौ पचास लोगों की मौत चाहते हों... उन्हीं फिदायीन या मानव बम बनाने के लिए उपयुक्त माना जाता है" हम अपने 6 वें प्रधानमंत्री और लोकप्रिय नेता की दुखद मृत्यु की घटना को कभी नहीं भूल सकेंगे जिनकी 21 मई 1991 में श्री पेरुम्बुदूर नाम की जगह पर लंका के आतंकी संगठन लिट्टे की सदस्य शुभा और नलिनी ने मानव बम बनकर उनकी हत्या करदी थी..... असल में मानव बम (Suicide bomb) बन कर लोगों की हत्याएं कराने की प्रथा इस्लामी आतंकी संगठन हमास ने फिलस्तीन में चालू की थी.... जिसे दूसरे आतंकी दलों ने अपना लिया है.... इन आत्मघाती लोगों को फिदायीन कहा जाता है.... अरबी के फिदायी शब्द का बहुवचन फिदायीन होता है जिसका अर्थ बलिदानी या"redeemers "है जो खुद को कुर्बान कर देते है (those who sacrifice) चालाक मुस्लिम विद्वान् फिदायीन के बारे में दोगली बातें कहते हैं,,,,, ऊपर से वह कहते हैं कि इस्लाम में आत्महत्या करना बहुत बड़ा गुनाह है,,,,, लेकिन अन्दर से यह भी कहते हैं कि अल्लाह की राह में मरते हैं,,,, या काफिरों को मारते हुए मर जाते हैं वह शहीद माने जाते हैं... और सीधे जन्नत 72 हूरों की गोद में जाते हैं.... अपनी इन्हीं दोगली बातों से यह इस्लाम के प्रचारक फिदायी जिहादियों के गुनाहों पर पर्दा डालते रहते हैं..... और फिदायीन का महिमा मंडन भी करते रहते हैं दुःख की बात तो यह है कि इन छुपे हुए आतंक समर्थक मुल्लों साथ कुछ ख़रीदे हुए हिन्दू (धर्ममलेच्छ) भी सुर में सुर मिलाने लगे हैं.... एक अग्निवेश नामक सूवर तो ऐसा है जो खुद को शंकराचार्य भी कहने लगा है.... आज विदेशों से मिले हुए धन से यह कपटी आचार्य परोक्ष रूप से आतंकवादियों का हौसला बढ़ा रहे हैं.... यही कारण है कि आतंकी घटनाएँ दिनों दिन बढ़ रही हैं.... वैसे तो जिहादी बच्चो को बचपन से ही फिदायीन बनाए की तालीम देते हैं,,, और कुरान और हदीस की ऐसी बातें उनके दिमाग में भर देते हैं जिस से उनका दिमाग खाली (brain wash) हो जाता है,,, यहाँ पर कुरान की वह आयतें और हदीसों के साथ पाकिस्तान में एक साल की फिदायीन घटनाओं का हवाला दे रहे हैं।
Posted on: Fri, 26 Jul 2013 08:56:47 +0000

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