मुसलमानों से तुम चिढते हो, मेहनत करने वालों को भंगी, चमार कह कर तुम गरियाते हो, आदिवासियों को तुम नक्सली कह्ते हो, पूरी मजदूरी मांगने वालों को तुम कम्युनिस्ट कह कर उन्हें रगड़ने के लिये हुंकारें भरते रहते हो. औरतों की बराबरी के तुम खिलाफ बकते रहते हो. बलात्कारी साधू संतो का समर्थन करते हो ? तुम्हारे सपनों के हिन्दू राष्ट्र में रह कौन सकेगा ये तो बता दो एक बार यार ? हिमांशु कुमार जी #08
Posted on: Tue, 27 Aug 2013 03:55:10 +0000
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