वैसे तो कुछ हिन्दुओ को मुस्लिमो से एलर्जी है। फिर ये लोग मुस्लिमो के नियम और कानून क्यों अपनाते है। तलाक का नियम तो इस्लाम में है. फिर ये लोग इसको क्यों अपनाते है। अपने वेदों के अनुसार नियोग और सती प्रथा क्यों नही करते। यहाँ तक की संस्कृत या देवनागरी भाषा में तलाक का कोई पर्यायवाची शब्द तक नही है। ऐडमिन 12
Posted on: Tue, 03 Sep 2013 02:43:22 +0000
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