शेयर्ड ऑटो में ४ की जगह 8 - TopicsExpress



          

शेयर्ड ऑटो में ४ की जगह 8 आदमियों के बीच चायनीज मोबाइल बे बजते हुए "दिल चीर के देख तेरा ही नाम होगा" गाने को जबरदस्ती सुनते हुए वो अपने सपनो में खोया जा रहा था. २० तरीक थी सैलरी में अभी १० दिन और बाकी थे, जेब में 780 रुपये बचे थे. गर्मी से परेशान होक उसने बराबर वाले ऑटो में निगाह डाली, उसमे भी 8 लोग थे लेकिन 3 लडकियां थी..उसने अपनी किस्मत को उसी पल कोसा..और सोचने लगा की हमेशा भगवान् उसी को विक्टिमाइज क्यों करता है..ऑफिस में भी यही तो होता है उसके साथ..नयी बच्चियां बॉस लोगो के साथ एडजस्ट हो जाती हैं, जो बचती है उनके एडजस्टमेंट predecided होते हैं..सोचते सोचते उसने सोचा की हिन्दुस्तान में १००० लड़कों पे 933 लडकियां हैं..तो क्या वो बचे हुए 67 में आता है..नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता..जब स्कूल में क्रिकेट खेलता था तो सुरभि कितनी जोर से खुश होती थी..अक्सर मैथ के सवाल वही तो बताता था सबको..फिर गड़बड़ कहाँ हो गयी..10vi तक यूनिफार्म थी तो सब ठीक ही था, फिर कॉलेज में ऐसा क्या हुआ की सब दोस्त छुटते गए...इस सब के बीच उसकी गली का मुहाना आ गया..गली के किनारे खड़े नकली रे बेन लगाए गुटखे थूकते लौंडे खड़े थे, जिनकी टांगो के बीच करिज्मा ZMR थी..उसने उन्हें देखा और एक बार देखा किताब की दूकान को..उसने "जीत आपकी" खरीदी और नए फौलादी इरादों से घर पहुँच गया..रात भर में ही ३३ पन्ने पढ़ लिए..सुबह ऑफिस में नए उत्साह से गया..लौटते वक़्त वही ऑटो, वही चायनीज मोबाइल, वही गाना "में दुनिया भुला दूंगा", फिर वही दूसरा ऑटो. फिर वही कहानी..जीत आपकी के आज तक उसने बस वही ३३ पन्ने पढ़े.. ;)
Posted on: Sat, 10 Aug 2013 15:22:39 +0000

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