Dr.SHYAMA PRASAD MUKHERJI ko mere shabdrupi pushp arpit - TopicsExpress



          

Dr.SHYAMA PRASAD MUKHERJI ko mere shabdrupi pushp arpit hain...डॉ मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थेजिसके लिए उन्होंने जोरदार नारा भी बुलंद किया कि –एक देश में दो निशान,एक देश में दो प्रधान,एक देश में दो विधान नहीं चलेंगे,नहीं चलेंगें. अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया थाकि “या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान करदूंगा’’. जम्मू कश्मीर (Jammu-kashmir) में प्रवेश करने पर डॉ. मुखर्जी को 11 मई, 1953 को शेख अब्दुल्ला (Shekh Abdulla) के नेतृत्व वाली सरकार ने हिरासत में ले लिया था. क्योंकि उन दिनों कश्मीर मेंप्रवेश करने के लिए भारतीयों को एक प्रकार से पासपोर्ट (Passport) टाइप का परमिट लेना पडता था और डॉ मुखर्जी बिना परमिट (Permit) लिए जम्मू कश्मीरचले गए थे. जहां उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया गया और वहां गिरफ्तार होने के कुछ दिन बाद ही 23 जून, 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई.वे भारत के लिए शहीद हो गए और भारत ने एक ऐसा व्यक्तित्व (Personality) खो दिया जो राजनीति को एक नई दिशा दे सकता था. डॉ मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि (Cultural Aspect) से हम सब एक हैं, इसलिए धर्म के आधार पर किसी भी तरह के विभाजन (Division) के वे सख्त खिलाफ थे. उनका मानना था कि आधारभूत सत्य यह है कि हम सब एक हैं, हममें कोई अंतर नहीं है. हमारी भाषा एक है हमारी संस्कृति एक है और यही हमारी विरासत है. लेकिन उनके इन विचारों और उनकी मंशाओं को अन्य राजनैतिक दलों के तात्कालिक नेताओं ने अन्यथा रूप से प्रचारित-प्रसारित किया. लेकिन इसके बावजूद लोगों के दिलों में उनके प्रति अथाह प्यार और समर्थन बढ़ता गया.भारतीय इतिहास में उनकी छवि एक कर्मठ और जुझारू व्यक्तित्व वाले ऐसे इंसानकी है जो अपनी मृत्यु के इतने वर्षों बाद भी अनेक भारतवासियों के आदर्श और पथप्रदर्शक हैं.
Posted on: Sun, 23 Jun 2013 03:44:40 +0000

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