ONLINE भी फॉर्म भरके - TopicsExpress



          

ONLINE भी फॉर्म भरके निश्चिंत हो जाइये..! इस फॉर्म में आप विडियो ऑडियो टेक्स्ट भेज सकते है..CLICK ON ((CHOOSE FILE)) SELECT FROM YOUR PEN DRIVE OR PC/LAPTOP.. June 28 at 6:57am · Edited · Unlike · 1 Prashant Vaidya पुराने गाने ऐसे सूना करते थे... "अपनी आज़ादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं.. सर कटा सकते है लेकिन.. सर झुका सकते नहीं..!" आज के दौर में...ऐसे गाने अक्सर सुनाई देते है...!{गुंडा- राज}..(इंस्पेक्टर- राज) नोट का राज करनेवाले ..नेते ऐसा गलत सोचते है..! नए packet में बेच रहे है ..चीज पुरानी..! फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी..?? अपनी आबादी को हम हरगिज घटा सकते नहीं..! सेक्स करा सकते है..लेकिन रेप घटा सकते नहीं..! अपनी बिजली को हम हरगिज दिला सकते नहीं..! लाइट कटा सकते है ..AUR..पानी दे सकते नहीं..! अपने पर्बतों को हम हरगिज चाह सकते नहीं..! चोट दे सकते है.. लेकिन..चोट खा सकते नहीं..! हाथ में हमने ली है.. पथ्थरो की गोलिया..! तोडना फितरत हमारी..जनता जोड़ सकते नहीं.. कानून तोड़ते रहते है...तोड़ते रहेंगे..तारीख लेते रहेंगे..!. सजा कौन देगा...ये अंधा कानून.. हमने जो बनाया है..! जिसपर जादा कोर्ट केस चल रहा.. वो कर रहा है राज .! बताओ ए खुदा...कौन कितने पानी में.. है आज ?? नए कानून बनाते है सिर्फ कागज पर..जो है.. उसे नहीं निभाते....! आगे की क्या बात करे..? जो सीखना नहीं .सिर्फ ..सिखाना चाहते ! आपत्तियोंसे झुझ रहा है इंसान...! जिंदगीसे लड़ रहा है इंसान..! जब मै जीता हूँ ..तो कहते है के मरना होगा...! ((सामान्य और ,दुर्लक्षित जनता)) जब मै मरता हूँ... तो कहते है के जीना होगा...! ((उपोषण करने वाले समाजसेवक )) ---द्वारा कवी प्रशांत वैद्य, (((समाजसेवक,सिव्हिल इंजिनियर और समुपदेशक))) बीजेपी कार्यकर्ता,एरंडवणे,पुणे ४११००४ } June 28 at 7:52am · Like
Posted on: Tue, 23 Jul 2013 12:08:45 +0000

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