Sabhaar Rajiv Dixitji हिन्दी मे पढ़े - TopicsExpress



          

Sabhaar Rajiv Dixitji हिन्दी मे पढ़े क्या लिखा अंग्रेज़ macaulay ने 1835 मे अंग्रेज़ो की संसद को !!! _______________ _______________ ___________ मैं भारत के कोने कोने मे घूमा हूँ मुझे एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं दिखाई दिया जो भिखारी हो चोर हो ! इस देश में मैंने इतनी धन दोलत देखी है इतने ऊंचे चारित्रिक आदर्श गुणवान मनुष्य देखे हैं की मैं नहीं समझता हम इस देश को जीत पाएंगे , जब तक इसकी रीड की हड्डी को नहीं तोड़ देते ! जो है इसकी आध्यात्मिक संस्कृति और इसकी विरासत ! इस लिए मैं प्रस्ताव रखता हूँ ! की हम पुरातन शिक्षा व्यवस्था और संस्कृति को बादल डाले ! क्यूंकि यदि भारतीय सोचने लगे की जो भी विदेशी है और अँग्रेजी है वही अच्छा है और उनकी अपनी चीजों से बेहतर है तो वे अपने आत्म गौरव और अपनी ही संस्कृति को भुलाने लगेंगे !! और वैसे बन जाएंगे जैसा हम चाहते है ! एक पूरी तरह से दमित देश !! _______________ _______________ _______________ _______________ __ और बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है की macaulay अपने इस मकसद मे कामयाब हुआ !! और जैसा उसने कहा था की मैं भारत की शिक्षा व्यवस्था को ऐसा बना दूंगा की इस मे पढ़ के निकलने वाला व्यक्ति सिर्फ शक्ल से भारतीय होगा ! और अकल से पूरा अंग्रेज़ होगा !! और यही आज हमारे सामने है दोस्तो ! आज हम देखते है देश के युवा पूरी तरह काले अंग्रेज़ बनते जा रहे है !! उनकी अँग्रेजी भाषा बोलने पर गर्व होता है !! अपनी भाषा बोलने मे शर्म आती है !! madam बोलने मे कोई शर्म नहीं आती ! श्री मती बोलने मे शर्म आती है !! अँग्रेजी गाने सुनने मे गर्व होता है !! मोबाइल मे अँग्रेजी tone लगाने मे गर्व होता है !! विदेशी समान प्रयोग करने मे गर्व होता है ! विदेशी कपड़े विदेशी जूते विदेशी hair style बड़े गर्व से कहते है मेरी ये चीज इस देश की है उस देश की है !ये made in uk है ये made इन america है !! अपने बच्चो को convent school पढ़ाने मे गर्व होता है !! बच्चा ज्यादा अच्छी अँग्रेजी बोलने लगे तो बहुत गर्व ! हिन्दी मे बात करे तो अनपद ! विदेशी खेल क्रिकेट से प्रेम कुशती से नफरत !!! विदेशी कंपनियो pizza hut macdonald kfc पर जाकर कुछ खाना तो गर्व करना !! और गरीब रेहड़ी वाले भाई से कुछ खाना तो शर्म !! अपने देश धर्म संस्कृति को गालिया देने मे सबसे आगे !! सारे साधू संत इनको चोर ठग नजर आते है !! लेकिन कोई ईसाई मिशनरी अँग्रेजी मे बोलता देखे तो जैसे बहुत समझदार लगता है !! करोड़ो वर्ष पुराने आयुर्वेद को गालिया ! और अँग्रेजी ऐलोपैथी को तालिया !!! विदेशी त्योहार वैलंटाइन मनाने पर गर्व !! स्वामी विवेकानद का जन्मदिन याद नहीं !!!! दोस्तो macaulay अपनी चाल मे कामयाब हुआ !! और ये सब उसने कैसे किया !!अगर आपका बच्चा शक्ल से भारतीय और अकल से अंग्रेज़ होता जा रहा है ! तो एक बार जरूर देखे आपको जवाब मिल जाएगा ! ये जानने के लिए आप सिर्फ एक बार नीचे दिये गए link पर click करे !!! जरूर जरूर click करे ! https:// youtube/ watch?v=BR- lLpzi 7JE वन्देमातरम वन्देमातरम वन्देमातरम वन्देमातरम !!!
Posted on: Mon, 12 Aug 2013 14:21:56 +0000

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