UP WEST मुस्लिम नरसंघार के - TopicsExpress



          

UP WEST मुस्लिम नरसंघार के बाद .... UP WEST में नफरत का तूफ़ान बज़ाहिर थमा थमा सा लगता है ..ऐसा महसूस होता है जैसे कि दंगों की आग अब ठंडी हुआ चाहती है मगर यह सच नहीं है हालात आज भी कशीदा हैं ..पूरा UP WEST आज भी बारूद की ढेर पे खड़ा है ..कब किया हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता ?? और ऐसा कियों न हो जब सरकार खुद हालात को मामूल पर लाने में कोई दिलचस्पी न रखती हो ..?? इस से जियादा दुःख की बात और किया होगी कि जब UP के CM महोदय दंगा पीड़ितों से मिलने गए तो CM बन कर नहीं एक हिन्दू बन कर गए ..जब दंगा पीड़ितों ने उन से अपनी जान माल की सुरक्षा की मांग और नारे बजी की तो CM महोदय ने कहा कि " तुम ने भी तो हमारे लोगों की तरालियों पे हमला किया है " अब आप खुद फैसला करें कि किया ऐसी सोच रखने वाले CM को clean chit दी जा सकती है ?? किया यह माना जा सकता है कि दंगों में उस का या उस की सरकार का कोई हाथ नहीं है ..वोह निर्दोष है ???? मुज़फ्फरनगर समेत UP WEST के कई जिलों में हेवानियत और क़त्लो गारतगीरी के खूनी खेल ..लाशों ..जिंदा इंसानों और मकानात को जलाने के दर्दनाक वक़िआत के साथ साथ औरतों और नई उम्र की लड़कियों के साथ rape और gang rape को उजागर करने वाली रिपोर्ट जूं जूं सामने आ रही है वोह इस दंगे को गुजरात 2002 के दंगों की तरह ही भयानक और बड़ी तबाही साबित करने के लिए काफी है ..मुज़फ्फरनगर समेत UP WEST के कई जिलों में भड़कने वाले दंगों की भयानक और तबाह कुन रिपोर्ट पढ़ कर समझ में नहीं आता कि हम मूदी के गुजरात में हैं या सेकुलरिज्म का मुखौटा ओढ़े अखिलेश और मुलायम के UP में ..???? मुस्लिम समाज की बेबसी और बेकसी पर दिल तड़पता है .. आँखें खून के आंसू रोती हैं ...आखिर मुस्लिम समाज दंगों का कोई मज़बूत ..पाएदार और ऐसा हल ढूँढने के लिए संजीदा कियों नहीं है जो हमेशा हमेशा के लिए इस मसले या समस्सिया को समाप्त कर सके ..किया मुस्लिम समाज का काम दंगा भड़कने के बाद सिर्फ मातम करना और relief work करना रह गया है ..?? किया दंगों पे मातम से दंगों में मारे जाने वाले दुबारा जिंदा हो सकते हैं ...या फिर दंगा पीड़ितों को गले लगाने और उन की कुछ माली सहायता करने से दंगा पीड़ितों का दुःख दर्द दूर हो सकता है ...बिल शुबहा यह चीज़ें भी ज़रूरी हैं मगर किया इन्ही चीज़ों पे निर्भर रहने से समस्सियाओं का समाधान मुमकिन है .?? किया कुछ ऐसा करने की ज़रुरत महसूस नहीं होती जिस से दंगे ही हमेशा के लिए रुक जाएँ और दंगाइयों को दंगा करने के लिए १०० बार सोचना पड़े..?? शेख sadik ज़िल्ली misterazmi11@gmail
Posted on: Sun, 06 Oct 2013 08:25:05 +0000

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