arm उत्तम ब्रम्हचर्य :- - TopicsExpress



          

arm उत्तम ब्रम्हचर्य :- ब्रम्ह शब्द का अर्थ सबसे भिन्न निर्मल ज्ञानस्वरूप आत्मा है | उस आत्मा में रहना ब्रम्हचर्य है | स्वर्ग की गलियारी में वासना दहकती रहती है | काम बाण से देवों की भी बुद्धि बहकती रहती है | मरते समय भी राग को हमने गले लगाया | मिथ्यत्व अब्रम्ह का नशा ही मन पर छाया | समझे नहीं अब तक ये भेद ज्ञान क्या है | सम्यक्त्व भाव को ही हमने सदा भुलाया || भो आत्मन , स्वतंत्र शाश्वत सुखमय चिन्ह ब्रम्ह स्वभाव है | स्वभाव का मर्म जानने पर विभाव का भ्रम मिटकर सहज धर्मं प्रगट होता है | भव पथ शिवपथ खुले हुए है , जैसा अच्छा लगे तैसा करो | यदि कल्याण चाहते हो तो , शिव पथ पर ही चरण धरो ||
Posted on: Wed, 18 Sep 2013 10:44:16 +0000

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