अंकिता सिंह: आशाराम बापू - TopicsExpress



          

अंकिता सिंह: आशाराम बापू को उनके गुरु बाबा लीलाशाह का श्राप लगा है ... मित्रो, कच्छ में आदिपुर में एक बहुत बड़े संत हुए थे जिनका नाम बाबा लीलाशाह था ... आशाराम बापू का नाम पहले आशुमल हरपलानी था और वो कई तरह के धधे कैसे कपड़े, कोयला, आदि में हाथ आजमा रहे थे .. फिर वो बाबा लीलाशाह जी के सम्पर्क में आये ..और लीलाशाह जी ने उन्हें दिच्छा दिया ... बाद में आशाराम बापू जगह जगह आश्रम खोलने लगे और अपने पुत्र और पुत्री के नाम सम्पति खरीदने लगे .. लीलाशाह बाबा ने उनको कई बार समझाया की ये तुम गलत कर रहे हो ..तुम्हारा काम धर्म का प्रचार और प्रसार है न की जगह जगह आलिशान आश्रम और फार्म हाउस खोलना है ..आज आशाराम के पुरे भारत में कुल ४०० आश्रम है | फिर आशाराम बापू अपने गुरु लीलाशाह से मिलना ही छोड़ दिए ... और जब बाबा लीलाशाह मृत्य शैया पर थे तब भी आशाराम बापू उन्हे देखने नही गये ..फिर लीलाशाह ने कहा था की आज मेरा शिष्य धन और भोग विलास के पीछे पागल है एक न एक दिन इसे इसकी कीमत जरुर चुकानी होगी | और तो और करीब बीस सालो से आशाराम बापू अपने गुरु की समाधि पर माथा टेकने आदिपुर भी नही गये है | आप मेरी बात की पुष्टि कच्छ के गांधीधाम से सटे आदिपुर में जाकर पता कर सकते है |
Posted on: Sat, 24 Aug 2013 08:56:24 +0000

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