अगर हम तारीख ( इतिहास ) के - TopicsExpress



          

अगर हम तारीख ( इतिहास ) के आईने से मज़हबी फसाद (दंगो ) को देखें तो पता चलता है की मुगलों के शासनकाल में दंगो का कहीं कोई वजूद नही था,मुगलों के शासन में हिन्दुस्तान में कभी कोई मज़हबी फसाद नही हुआ, तारीख बताती है जब अंग्रेजो ने ईस्ट इंडिया कंपनी के ज़रिये हिन्दुस्तान में अपने नापाक कदम रखे तभी से मज़हबी फसाद पनपने लगा, धीरे-धीरे-अंग्रेजो ने अपने नापाक मकसद को पूरा करने के लिए फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई, जिससे बहुत कम वक़्त में अंग्रेजो ने पूरे हिन्दुस्तान में क़ब्ज़ा कर लिया,अँगरेज़ हिन्दू-मुसलिम को आपस में लड़वाते रहे,और बरसो हुकुमत करते रहे,इन्ही दंगो की वजह से मुल्क का बटवारा हुआ,क्यूंकि उस वक़्त हिन्दुस्तान में आये दिन दंगे होते रहते थे,जिनमे जान-माल का भारी नुकसान होता था,इन दंगो से बचने के लिए उस वक़्त लोगो को लगा की दूसरा मुल्क बनने से मज़हबी फसाद ख़त्म हो जायेंगे और हम सुकून की ज़िन्दगी बसर कर सकेंगे,मगर अफ़सोस मुल्क तो बंट गया लेकिन मज़हबी फसाद ने साथ नही छोड़ा,आज मुल्क के हालात इतने बुरे हो चुके हैं की दो लोगो की आपसी लड़ाई को मज़हबी रंग देकर दंगा भड़का दिया जाता है,और बेगुनाह लोगो को मज़हब के नाम पर क़त्ल कर दिया जाता है,ये दंगे किसी का बेटा छीन लेते हैं, किसी का भाई, किसी का बाप, तो किसी का शौहर छीन लेते हैं,मैंने दंगो से आम आदमी को होने वाले फायदे पर बहुत गौर किया मगर मेरी नाकिश अक़्ल जवाब दे गयी,मुझे नुकसान के सिवा कोई फायदा नज़र नही आया,हाँ सियासतदाओं का सियासी फायदा,और हिन्दुस्तानी अवाम की बेवकूफी नज़र आई,,जो अपने ही हाथो अपना चमन उजाड़कर खुश होती है,मुजफ्फरनगर में चल रहा मज़हबी फसाद बेहद अफ़सोस नाक हैं,ये प्रशासनिक अमले की नाकामी और प्रदेश सरकार के ढुल -मुल रवय्ये की वजह से हुआ है,देश के सबसे बड़े प्रदेश की बागडोर अखिलेश यादव जैसे नौसिखिये को सौंपकर मुलायम सिंह यादव ने सबसे बड़ी सियासी गलती की है,जिसका खामियाजा प् की अवाम भुगत रही है, वह दौर भी देखा है तारीख की आँखों से लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई ऐडमिन 12
Posted on: Sun, 08 Sep 2013 09:09:23 +0000

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