उत्तराखण्ड चीन के निशाने पर उत्तराखण्ड में आयी सुनामी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।पूरा देश स्तब्ध है कि देव भूमि में चारों तरफ से एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में आफत का सैलाब कैसे आ सकता हैं ?शक की सुंई बार बार पड़ोसी मुल्क चीन की तरफ इशारा कर रही है। एक साथ कई जगहों पर बादल का फटना शक गहर करता है।अब से एक दशक पहले बादल फटने की घटना कभी सुनायी भी नहीं देती थी और अब हर साल कई बार ऐसी घटनाओं से रूबरू होना पड़ता है। और सब जानते है कि पड़ोसी मुल्क चीन की विस्तार वादी नीति और कथित एडंवास तकनीक हमेशा पड़ोसी मुल्को के लिए परेशानी का सबब रही हैं। इससे ऐसा लगता है कि कहीं ये चीनी मिसाईल हमला तो नहीं? यदि है तो क्या इस बात से हमारी तैयारी की पोल नहीं खुलती। क्या हमने अपने आप को ऐसी आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार कर रखा है। क्या हम हमेशा इसी तरह से अपने लोगों को गवांते रहेगें। सरकारी आंकड़ो से इतर यदि देखा जाए तो इस आपदा में पाँच हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान गवांई है। और दो हजार से ज्यादा सड़के यातायात के योग्य नहीं बची हैं। नुकसान का आंकड़ा लगाना संभव नहीं है। यदि एक बादल के फटने से ऐसा नुकशान संभव है तो किसी भी देश को युद्ध लड़ने की क्या आवश्यकता है।देश को पड़ोसी मुल्को की नियत को देखते हुए नई रणनीति से सोचना होगा।क्योकि हमारा पडा़ेसी जितना ताकतवर होगा भारत के लिए उतना ही खतरा बढ़ता जायेगा। जब्बार हुसेैन पौड़ीखाल टि0ग0
Posted on: Fri, 28 Jun 2013 06:09:36 +0000
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