एक कंजूस व्यक्ति के घर कई मेहमान आ गए। अब कंजूस परेशान कि ये लोग तो पूरे महीने का राशन एक ही दिन में चट कर जायेंगे। उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक योजना बनाई कि तू पहले थाली में एक-एक रोटी और जरा सी सब्जी रखना। और थोड़ी देर बाद दुबारा से और खाने के लिए पूछना, बाकी का मैं सब सम्भाल लूँगा। अब खाना लग गया सारे मेहमान और कंजूस खुद भी खाने लगे। जैसा कि पहले तय था एक एक रोटी और थोड़ी सी सब्जी सबको परोसी गई। जब सबने एक–एक रोटी खा ली तो कंजूस की बीवी दोबारा पूछने के लिए आई। आदेशानुसार उसने शुरुआत कंजूस से की... कंजूस की बीवी- और लीजिए ना! कंजूस– नहीं नहीं... बहुत मजा आया आज तो खाने में... पेट भर गया... अब तो कोई कुत्ता ही होगा जो इससे ज्यादा खा पायेगा...!!!
Posted on: Fri, 23 Aug 2013 03:42:59 +0000