कटु सत्य--- क्या आप जानते है। 1-साईं का असली नाम चाँद मियाँ था। 2-साईं ने कभी अपने जीवन में 2 गाव सेबहार कदम नहीं रखा। 3-साईं सत्चारित में 10 बारसे अधिक"अल्लाह मालिक" आयाहै। परन्तु एक बारभी ॐ नहीं आया। 4-साईं के समय में उसके आस पास के राज्यों में भयंकर अकाल पड़ा। परन्तु साईं भगवान्(भक्तो के अनुसार)ने गरीबो की मदद करना जरूरी नहीं समझा। 5-साईं का जन्म 1834 में हुआ। पर इन्होने धर्म युद्ध (आजादी की लड़ाई) मेंभारतीयों की मदद करना जरूरी नहीं समझा ।(पता नहीं क्यों अगर ये राम कृष्ण के अवतार थे। तो इन्हें मदद करनी चाहिए थी। क्युकी कृष्ण जी का हीकहना है की धर्म युद्ध में सभी को भाग लेना पड़ता है। स्वयं कृष्ण जी ने महा भारत मेंपांडवो का मार्ग दर्शन किया।और वक़्त आने पर शस्त्र भी उठाया। राम जी ने भी यही किया।पर पता नहीं साईंकहा थे) 6-साईं भोजन से पहले फातिमा,कुरान पढ़ते थे। परन्तु कभी गीता और रामायण नहीं पढ़ी न ही कोई वेद। वाहकमाल के भगवान थे। 7-साईं अपने भक्तो को प्रशाद के रूप में मॉस चावल (नमकीन चावल) देते थे।खास कर ब्राह्मण भक्तो को।ये तो संभव ही नहीं की कोई भगवान् का रूप ऐसा करे ।) 8-साईं जात के यवनी(मुसलमान) थे। और मस्जिद में रहते थे। लेकिन आज कल उसे ब्राह्मण दिखने का प्रयास चल रहा है (प्रश्न-क्या ब्राह्मण मस्जिदों मे रहते है) नोट-ये सारी बाते स्वयं "साईं सत्चारित " में देखे। यहाँ पर एक भी बात मनगढ़ंत नहीं है। शिर्डी से प्रकाशित "साईं सत्चारित" को अवश्य पढ़ें !
Posted on: Tue, 27 Aug 2013 19:42:14 +0000
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