कलेक्टर साहब ………… आपकी इमानदार कोशिश पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं इन अधिकारीयों के कारण -------------------------------------------------------------------- बाधा रहित वातावरण के लिए कलेक्टर एक साल से ज्यादा से प्रयत्नशील हैं कार्यशाला भी करवाई , समितियां भी बनायीं , यहाँ तक की खुद भी पिछले दिनों हॉस्पिटल और बैंक के चक्कर काटे देखा रैंप हैं। शासकीय और अशासकीय स्कूल में भी बाधा रहित वातावरण उपलब्ध हो उसके लिए अफसरों की फौज भी दोढाई - कहा देखो कहाँ हैं , कहाँ नहीं हैं जहाँ नहीं हैं क्यों नहीं हैं अपनी कोर्ट में कई स्कूल की सुनवाई भी लगाई कुछ पर जुर्माने की गाज भी गिराई पर इस सब के साथ कुछ प्रश्न भी उभर कर सामने आये क्या शिक्षा विभाग और प्रसाशन के अधिकारीयों को निरिक्षण में सिर्फ छोटे स्कूल ही नजर आये बड़े स्कूल क्यों छूट गए बड़े होने के बाद भी क्यों नजर नहीं आये क्या वहां रैंप हैं ? क्या वहां रैंप बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं ? क्या उन निर्देशों का पालन हुआ है ? हम देते हैं एक उदहारण शिवपुरी लिंक रोड पर स्थित LITTLE ANGELS HIGH SCHOOL में रैंप ढूंड कर दिखा दो ऊपर की मंजिल पर जाने के लिए तो दूर ग्राउंड फ्लोर पर पहुँचने के लिए ही दिखा दो क्या निरिक्षण पर गए अधिकारी क्रीम रोल और पेस्ट्री की ख़ुशी में रैंप की सुध भूल गए तब नहीं दिखा तो अब देख लो अब बनवा दो ताकि सीना तान कर कह सको हम धृतराष्ट्र नहीं। ……………… और भी उदहारण बहुत हैं , एक एक करके गिनवा देंगे
Posted on: Mon, 05 Aug 2013 18:48:20 +0000
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