कृपया शेयर अवश्य करे, by : Sai - TopicsExpress



          

कृपया शेयर अवश्य करे, by : Sai Baba of Shirdi - इस्लामिक फ़क़ीर शिर्डी साईं द्वारा हिन्दुओ का इस्लामीकरण मित्रो, 12 अगस्त 1997 को गुलशन कुमार की हत्या हुई, ठीक 6 महीने बाद 1998 में साईं नाम के एक नए भगवान् का अवतरण हुआ, इसके कुछ समय बाद May 28, 1999 में बीवी नंबर 1 फिल्म आई जिसमे साईं के साथ पहली बार राम को जोड़कर ॐ साईं राम गाना बनाया था, न किसी हिन्दू संगठन का इस पर ध्यान गया और न किसी ने इस पर आपत्ति की, पहला षड्यंत्र कामयाब, इस नए भगवान् की एक खासियत थी, इसे लोग धर्मनिरपेक्ष अवतार कहते थे, जिसने हिन्दू मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया था, वो अलग बात है की उसी चिलम बाबा उर्फ़ साईं बाबा के समय में कई दंगे हुए, बंगाल विभाजन हुआ, मोपला दंगे हुए, मालाबार में हजारो हिन्दुओ को काटा और साईं के अल्लाह का भक्त बना दिया गया, अब इस नए भगवान् की एक और खासियत थी, नाम हिन्दुओ का प्रयोग हो रहा था और जागरण में अल्लाह अल्लाह गाया जा रहा था, वैसे मुसलमान ये कहते है की केवल अल्लाह पूजनीय है उसके अतिरिक्त कोई नहीं, पर अल-तकिया नाम की चीज भी कुछ होती है, उसे कब अमल में लाते, इसलिए शुरू हुआ साईं अल्लाह का प्रचार, लोगो को ये नया घटिया concept बड़ा पसंद आया, वैसे भी देश में भेडचाल है, अंधे के पीछे आँख वाला पट्टी बंद कर चलता है, अब बात आती है मुद्दे पर, गुलशन कुमार ने अपने जीवन में कभी साईं का प्रचार नहीं किया, जीवन भर उन्होंने केवल शिव हनुमान और देवी की उपासना में बिता दिया, आखिरी समय भी वे शिव जी के दर्शन करके लौट रहे थे तब उनकी हत्या हुई थी, में तो उन्हें आधुनिक युग में भक्ति आन्दोलन का जनक भी कहता हु, क्यूंकि भक्ति आन्दोलन एक तरह से उन्होंने पुरे देश में फैला दिया था, राममंदिर आन्दोलन के बाद गुलशन कुमार तक का समय देश का एक स्वर्णिम युग था जो अब खो चूका है, पर एक बात थी, जब तक गुलशन कुमार थे, शिर्डी के साईं संस्थान की हिम्मत नही हुई थी साईं का प्रचार करने की, यदि किया भी था तो इतना अधिक प्रभावित नहीं हुआ था की जनमानस में फ़ैल सके, क्यूंकि लोगो के दिलो में तो तब गुलशन कुमार के भजन और भेंटे इतनी अधिक लोकप्रिय थी की साईं जैसे टुच्चे नए भगवान् उसमे समा ही नहीं पाते, अब सरकार ने गुलशन कुमार की जांच भी अधर में छोड़ दी थी, और इससे भी मेरा शक काफी अधिक प्रबलित होता है की कही न कही साईं का गुलशन कुमार की हत्या में कोई तो लिंक है ही, अब इतने सालो बाद वो जांच तो नहीं हो सकती पर हाँ, कही न कही तो कुछ गड़बड़ थी जो अब जांच करने भी पता नहीं लग सकती, क्यूंकि इसके बाद ही साईं का प्रचार शुरू हुआ है जो ध्यान देने वाली बात है, तथ्य और भी है, धीरे धीरे सभी को समेट कर इकठ्ठा कर रहा हु, #ExposeShirdiSai #BhaktiJihad एडमिन - रोहित कुमार
Posted on: Mon, 02 Sep 2013 12:16:02 +0000

Trending Topics



Recently Viewed Topics




© 2015