कृष्ण को सुदामा ने happy friendshipday नहीं बोला था ...लेकिन वो मित्रता आज भी याद की जाती है राम को सुग्रीव ने frienship band नहीं बाँधा था लेकिन आज भी वो मित्रता स्मरण करने लायक है ... क्योकि उन्होंने मित्रता को दिखाने के लिए सिर्फ एक दिन को ही नहीं चुना था ...वे सदैव मित्र धर्म निभाते थे ...मित्रो मैं भी उन्ही का वंशज हूँ मुझसे यह अपेक्षा न करें की मैं एकदिन ही मित्रता निभाऊंगा ...अगर आप हिंदूवादी हैं राष्ट्रवादी हैं तो आप सदैव मेरे मित्र रहेंगे और मैं भी आशा करूंगा की आपका मित्र बना रहूँ इसलिए सिर्फ एकदिन को मित्रता का परिचायक बता कर अपनी इस मित्रता का अपमान न करें
Posted on: Sun, 04 Aug 2013 05:06:41 +0000