क्यों मुसलमान भक्त की - TopicsExpress



          

क्यों मुसलमान भक्त की मजार पर रूकता है भगवान जगन्नाथ का रथ? ********************************************* मुसलिम भक्त को मंदिर में आने नहीं दिया गया तो भगवान खुद पहुंचगये भक्त के घर।अगर आपको हैरानी हो रही है तो आप इस घटना की सच्चाई को खुद अपनी आंखों को देख सकते हैं।10 जुलाई को इस साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलेगी।रास्ते में जगन्नाथ जी भक्त से मिलने के लिए रूकेंगे और फिर उनका रथ आगे बढ़ेगा। यह सिलसिला बीते कई वर्षों से चलाआ रहा है।हर साल भगवान जगन्नाथ अपने भक्त की मजार पर रूकते हैं और बताते हैं कि जो भी सच्चे मन सेउनकी भक्ति करेगा वह उनका अपना होगा। भगवान जगन्नाथ का रथ जिस मुसलमान भक्त की मजार पर रूकता है उनका नाम सालबेग था।सालबेग की माता हिंदू थी और पिता मुसलमान।सालबेग बड़ा होकर मुगल सेना में शामिल होगया।एक बार जंग में इसे माथे पर ऐसा घाव हुआ जो किसी भी वैद्य से ठीक नहीं हुआ।सेना से भी सालबेग को निकाल दिया गया।इसके बाद सालबेग की मां ने भगवान जगन्नाथ की भक्ति करने की सलाह दी।मां की बात मानकर सालबेग भगवान जगन्नाथ की भक्ति में डूब गया।कुछ दिन बादसपने में भगवान जगन्नाथ ने सालबेग को विभूति दिया।सालबेग नेसपने में ही उस विभूति को सिर पर लगाया और जैसे ही नींद खुली उसने देख वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है।इसके बाद सालबेग भगवान जगन्नाथ का भक्त बन गया।मगर मुसलमान होने के कारण सालबेग को मंदिर में प्रवेश नहीं मिला। भक्त सालबेग मंदिर के बाहर बैठकर जगन्नाथ की भक्ति करते और भक्ति पूर्ण गीत लिखते।उड़िया भाषा में लिखे इनके भक्ति गीत धीरे- धीरे लोकप्रिय होने लगे और लोगों के जुबान पर चढ़ गये।बावजूद इसके सालबेग को जब तक जीवित रहे मंदिर में प्रवेश नहीं मिला। मृत्यु के बाद इन्हें जगन्नाथ मंदिर और गुंडिचा मंदिर के बीच में दफना दिया गया। सालबेग ने एक बार कहा था कि अगर मेरी भक्ति सच्ची है तो मेरे मरनेके बाद भगवान जगन्नाथ मेरी मजार पर आकर मुझसे मिलेंगे।सालबेग के मृत्यु के बाद जब रथ यात्रा निकली तो रथ इनके मजार के सामने आकर रूक गया।लोगों ने लाख कोशिशें की लेकिन रथ अपने स्थान से हिला तक नहीं।जब सभी लोग परेशान हो गये तबकिसी व्यक्तिने उड़ीसा के राजा को भक्त सालबेग का जयकारा लगाने के लिए कहा।सालबेग के नाम का जयघोष होते ही रथ अपने आप चल पड़ा।इस घटना के बाद से ही यह परंपरा चली आ रही हैकि भक्त सालबेग की मजार पर जगन्नाथ जी का रथ कुछ समय के लिए रूकता है फिर आगे की ओर बढ़ता है।
Posted on: Thu, 11 Jul 2013 06:18:58 +0000

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